Madhya Pradesh News: कुछ दिनों पहले सरकार ने ऐलान किया कि देश में बीपीएल कार्डधारकों को दिसंबर 2023 तक मुफ्त राशन की सुविधा मिलती रहेगी. ये खबर सुर्खियों में आई, लेकिन बहुत कुछ अंदर दब गया मसलन मध्य प्रदेश के सतना में खुद सरकारी महकमे की शिकायत पर धान खरीदी फर्जीवाड़े में एफआईआर दर्ज हुई. सतना जिले के शिवराजपुर में धान खरीदी केन्द्र के संचालकों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. एसडीओपी भारतेंदु शर्मा बताते हैं, "धान का वजन बढ़ाने के लिये रेत-मिट्टी भरी गई. 15400 बोरी में शासन को 63 लाख का नुकसान हुआ है. विवेचना के उपरांत आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा."
जांच में पाया गया कि 15000 से ज्यादा बोरियों में रखा 6200 क्विंटल से ज्यादा धान अमानक था जिसमें मिट्टी, बालू और पत्थर भरा गया था. खाद्य अधिकारी केके सिंह कहते हैं, "धान की क्वॉलिटी बहुत खराब है. खरीदी में बहुत लापरवाही बरती गई है. बारदाने की तौल कराई गई जिसमें ये स्थिति सामने आई है. मिलावट में पत्थर भी मिले हैं. बारदानों में बजरा है, धूल-मिट्टी और कंकर भी उसका पंचनामा तैयार किया गया है."
धान खरीदी में ये गोरखधंधा सामने आने के बाद ग्राहकों को किस क्वॉलिटी का चावल मिल रहा है, यह जानने के लिए NDTV ने सरकारी राशन की दुकानों पर पहुंचकर हकीकत जानी, यहां भी ग्राहक निराश नज़र आए. एक ग्राहक राधा इरपाचे ने कहा, "चावल कभी मोटा, कभी पतला तो कभी गंदा मिल रहा है.कीड़े भी निकल रहे हैं." शोभा शर्मा ने कहा, "अभी चावल अच्छा मिला है. पहले जो चावल मिला था, उसमें कंकड़ मिले थे." एक अन्य ग्राहक ने कहा, "चावल ज्यादा दे रहे हैं. मोटे-मोटे हैं, इसमें इल्लियों जैसे गुच्छे हैं. इसे खाने में भी दिक्कत होती है." बता दें राज्य में अब तक 46 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान का उपार्जन हो चुका है. धान खरीदी, मिलिंग से लेकर चावल की गरीबों को उपलब्धतता तक की पूरी प्रक्रिया में कहीं पूरी बोरी में रेत है तो कहीं महीन पत्थर जैसी गड़बड़ी. इश्तेहार से आगे सरकार सोचे तो सब कुछ दिखाई देगा.
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