प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपनी पार्टी के एससी-एसटी के सांसदों से मुलाकात की. इस दौरान इन सांसदों ने उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा. इसमें एससी-एसटी आरक्षण के लिए सब कैटेगरी बनाने और क्रीमी लेयर को लेकर दिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू न करने की मांग की गई है. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया है कि सरकार उनकी मांगों पर गौर करेगी. इस खबर का बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने स्वागत किया है. उन्होंने मांग की है कि सरकार इस फैसले को निष्प्रभावी बनाने के लिए संविधान में संशोधन करे.
बसपा प्रमुख मायावती ने क्या मांग की है
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा की प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ''माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा आज उनसे भेंट करने गए बीजेपी के एससी-एसटी सांसदों को यह आश्वासन देना कि एससी-एसटी वर्ग में क्रीमी लेयर को लागू नहीं करने तथा एससी-एसटी के आरक्षण में कोई उप-वर्गीकरण भी नहीं करने की उनकी मांगों पर गौर किया जाएगा, यह उचित व ऐसा किए जाने पर इसका स्वागत.''
1. माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा आज उनसे भेंट करने गए बीजेपी के SC/ST सांसदों को यह आश्वासन देना कि SC/ST वर्ग में क्रीमी लेयर को लागू नहीं करने तथा एससी-एसटी के आरक्षण में कोई उप-वर्गीकरण भी नहीं करने की उनकी माँगों पर ग़ौर किया जाएगा, यह उचित व ऐसा किए जाने पर इसका स्वागत।
— Mayawati (@Mayawati) August 9, 2024
उन्होंने लिखा, ''किन्तु अच्छा होता कि माननीय सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष बहस में केंद्र सरकार की ओर से एटार्नी जनरल द्वारा आरक्षण को लेकर एससी व एसटी में क्रीमी लेयर लागू करना तथा इनका उप-वर्गीकरण किए जाने के पक्ष में दलील नहीं रखी गयी होती, तो शायद यह निर्णय नहीं आता.''
2. किन्तु अच्छा होता कि माननीय सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष बहस में केन्द्र सरकार की तरफ से एटार्नी जनरल द्वारा आरक्षण को लेकर एससी व एसटी में क्रीमी लेयर लागू करना तथा इनका उप-वर्गीकरण किये जाने के पक्ष में दलील नहीं रखी गयी होती, तो शायद यह निर्णय नहीं आता।
— Mayawati (@Mayawati) August 9, 2024
बसपा प्रमुख ने लिखा, ''सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 के निर्णय को संविधान संशोधन के जरिए जब तक निष्प्रभावी नहीं किया जाता तब तक राज्य सरकारें अपनी राजनीति के तहत वहां इस निर्णय का इस्तेमाल कर एससी-एसटी वर्ग का उप-वर्गीकरण व क्रीमी लेयर को लागू कर सकती हैं. अतः संविधान संशोधन बिल इसी सत्र में लाया जाए.''
3.सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 के निर्णय को संविधान संशोधन के जरिए जब तक निष्प्रभावी नहीं किया जाता तब तक राज्य सरकारें अपनी राजनीति के तहत वहाँ इस निर्णय का इस्तेमाल करके SC/ST वर्ग का उप-वर्गीकरण व क्रीमी लेयर को लागू कर सकती हैं। अतः संविधान संशोधन बिल इसी सत्र में लाया जाए।
— Mayawati (@Mayawati) August 9, 2024
मायावती ने संविधान संशोधन बिल इसी सत्र में लाने की मांग की है.लेकिन लोकसभा शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई.
पीएम नरेंद्र मोदी से मिले बीजेपी के एससी-एसटी सांसद
बीजेपी के एसटी/एससी समुदाय से आने वाले सांसदों ने शुक्रवार को पीएम मोदी से मुलाकात की थी. पीएम मोदी ने इसकी तस्वीरें भी अपने एक्स हैंडल से शेयर की थी. उन्होंने लिखा था कि आज एससी-एसटी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की.एससी/एसटी समुदायों के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता और संकल्प दोहराया.
Met a delegation of SC/ST MPs today. Reiterated our commitment and resolve for the welfare and empowerment of the SC/ST communities. pic.twitter.com/6iLQkaOumI
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2024
प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान ने सांसदों ने संयुक्त रूप से एसटी/एससी के लिए क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर एक ज्ञापन सौंपा. इन सांसदों ने मांग की कि इस फैसले को हमारे समाज में लागू नहीं किया जाना चाहिए.पीएम ने मिलने वाले सांसदों को आश्वासन दिया कि वह इस मामले पर गौर करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट एससी-एसटी आरक्षण पर क्या फैसला दिया था
सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को दिए अपने फैसले में कहा था, ''राज्यों के पास अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, ताकि उन जातियों को आरक्षण मिल सके, जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ी हैं.''अदालत का कहना था कि राज्यों को पिछड़ेपन और सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व के मात्रात्मक और प्रदर्शन योग्य आंकड़ों के आधार पर सब कैटेगरी बनानी चाहिए न कि मर्जी और राजनीतिक लाभ के आधार पर.
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