नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने एक प्रेस नोट में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व डिप्टी रजिस्ट्रार अनूप सुरेंद्र नाथ के याकूब मेमन की फांसी के विरोध में अपने पद से इस्तीफा दिए जाने की खबरों पर कड़ी नाराजगी जताई है।
उन्होंने कहा है कि सुरेंद्र नाथ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं, जो सुप्रीम कोर्ट में डेपुटेशन पर आए थे। वह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में अपने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सेवा समाप्त कर वापस यूनिवर्सिटी जाना चाह रहे थे।
इसके लिए याकूब की फांसी से कई दिन पहले ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट प्रशासन से बात कर ली थी। इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को पत्र दिया था जिसमें याकूब का और किसी विरोध का कोई जिक्र नहीं है।
हालांकि खुद अनूप इस्तीफे की वजह निजी बता रहे हैं, लेकिन उनकी फेसबुक पोस्ट से इस्तीफे की वजह का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। उन्होंने अपने फेसबुक पर लिखा है कि 29 जुलाई को शाम 4 बजे और 30 जुलाई को सुबह 5 बजे हुए दो फैसले न्यायिक त्याग के उदाहरण हैं और इन फैसलों के वक्त की गिनती सुप्रीम कोर्ट के अंधकारमय घंटों के रूप में होनी चाहिए।
अनूप ने अपने इस्तीफ़े पर ये भी लिखा है कि पिछले कुछ वक्त से मैं इस बारे में सोच रहा था, लेकिन इस हफ्ते जो सुप्रीम कोर्ट में हुआ उसने मेरे फैसले में अहम भूमिका अदा की।
उन्होंने कहा है कि सुरेंद्र नाथ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं, जो सुप्रीम कोर्ट में डेपुटेशन पर आए थे। वह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में अपने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सेवा समाप्त कर वापस यूनिवर्सिटी जाना चाह रहे थे।
इसके लिए याकूब की फांसी से कई दिन पहले ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट प्रशासन से बात कर ली थी। इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को पत्र दिया था जिसमें याकूब का और किसी विरोध का कोई जिक्र नहीं है।
हालांकि खुद अनूप इस्तीफे की वजह निजी बता रहे हैं, लेकिन उनकी फेसबुक पोस्ट से इस्तीफे की वजह का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। उन्होंने अपने फेसबुक पर लिखा है कि 29 जुलाई को शाम 4 बजे और 30 जुलाई को सुबह 5 बजे हुए दो फैसले न्यायिक त्याग के उदाहरण हैं और इन फैसलों के वक्त की गिनती सुप्रीम कोर्ट के अंधकारमय घंटों के रूप में होनी चाहिए।
अनूप ने अपने इस्तीफ़े पर ये भी लिखा है कि पिछले कुछ वक्त से मैं इस बारे में सोच रहा था, लेकिन इस हफ्ते जो सुप्रीम कोर्ट में हुआ उसने मेरे फैसले में अहम भूमिका अदा की।
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