सभी हाईकोर्ट में यूनिफार्म ज्यूडिशियल कोड लागू करने को लेकर दाखिल याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जनहित याचिका में ऐसा आदेश जारी नहीं कर सकते. ऐसे में याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ली. बता दें कि याचिका के तहत सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई थी कि हाईकोर्ट को यह निर्देश दिया जाए कि मामलों का पंजीकरण करने और समान न्यायिक शब्दावली, व्याक्यांशों एवं संक्षिप्त शब्दों के उपयोग के लिए एक समान संहिता अपनाई जाए.
अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर की गई याचिका में यह भी मांग की गई है कि वह विधि आयोग को भी निर्देश दें कि न्यायिक शब्दावली, वाक्यांशों, संक्षिप्त शब्दों, मामला दर्ज करने की प्रक्रिया और अदालत के शुल्क में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट के साथ विचार-विमर्श करके एक रिपोर्ट तैयार करें.
याचिका में कहा गया है कि विभिन्न हाईकोर्ट द्वारा विभिन्न प्रकार के मामलों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली शब्दावली एक समान नहीं है. यह गैर-एकरूपता न केवल आम जनता के लिए बल्कि कई मामलों में वकीलों और अधिकारियों के लिए भी असुविधा का कारण बनती है.
एक ही प्रकार के मामलों को संदर्भित करने के लिए हाईकोर्ट द्वारा प्रयोग किए जाने वाले केवल शब्द ही अलग नहीं हैं, बल्कि इन शब्दों को संदर्भित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले संक्षिप्त शब्द भी अलग-अलग हैं. देश भर के सभी 25 हाईकोर्ट में अलग-अलग मामलों की पहचान करने के लिए अलग-अलग वाक्यांशों का उपयोग किया जाता है.
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