सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को गुरुवार को होने जा रहे फ्लोर टेस्ट में वोट डालने की अनुमति दे दी है. दोनों नेता PMLA से जुड़े केसों में जेल में बंद हैं, और उन्होंने बुधवार को ही उद्धव ठाकरे सरकार के फ्लोर टेस्ट में वोट डालने की अनुमति मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दी थी.
चूंकि दोनों नेता प्रवर्तन निदेशालय (ED) तथा केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज किए गए केसों के तहत बंद हैं, इसलिए उन्हें गुरुवार के विधानसभा हॉल तक पुलिस के साथ आना होगा. प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद उन्हें वापस जेल ले जाया जाएगा.
दोनों नेताओं ने अपनी अर्ज़ी में महा विकास अघाड़ी (MVA) की सरकार के फ्लोर टेस्ट के दौरान वोट डालने की अनुमति मांगी है. यहां यह भी बताना ज़रूरी है कि पिछले दिनों हुए विधानपरिषद चुनाव में दोनों नेताओं के इसी अनुरोध को सुप्रीम कोर्ट ने ही खारिज कर दिया था. महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में मत डालने के लिए दोनों नेताओं ने एक दिन की ज़मानत दिए जाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने अनुरोध को ठुकरा दिया था.
इस बीच, महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार के शक्ति परीक्षण को लेकर भी बुधवार को ही सु्प्रीम कोर्ट में लगभग 3:30 घंटे तक बहस हुई. टीम उद्धव ठाकरे, एकनाथ शिंदे गुट और राज्यपाल की ओर से पेश हुए वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि फ्लोर टेस्ट गुरुवार को ही करवाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को सही ठहराया और शक्ति परीक्षण पर रोक लगाने से इंकार कर दिया, लेकिन फ्लोर टेस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गुरुवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट का नतीजा 11 जुलाई की सुनवाई के अधीन होगा.
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