विज्ञापन

पानी की टंकी पर चढ़े, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर सवाल... सतारा लेडी डॉक्टर सुसाइड केस में फूटा गांव वालों का गुस्सा

Satara Doctor Suicide: मृतक लेडी डॉक्टर के भाई ने कहा कि ऑटोप्सी रिपोर्ट में पुलिस के अंदाज़े के अनुसार जो उसकी मृत्यु का समय है, वह सुबह 11 बजकर 50 मिनट है. हमें भी यही बताया गया था. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर इतनी बड़ी गलती जानबूझकर की गई. जबकि उनको यह पता है कि मामला संवेदनशील है.

पानी की टंकी पर चढ़े, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर सवाल...  सतारा लेडी डॉक्टर सुसाइड केस में फूटा गांव वालों का गुस्सा
  • सतारा में महिला डॉक्टर सुसाइड केस में गांव वालों ने न्याय की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
  • मृतक लेडी डॉक्टर के गांव वाले SIT जांच की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए.
  • मृतक डॉक्टर के भाई का आरोप है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मृत्यु का सही समय जानबूझकर गलत दर्ज किया गया है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
बीड:

महाराष्ट्र के सतारा में लेडी डॉक्टर सुसाइड मामले में उसके गांव बीड के लोग गुस्से में हैं. बीड के वडवानी तालुका के कवडगांव में गांव वाले मृतक डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए पानी की टंकी पर चढ़े गए. आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया. गांव वालों की मांग है कि इस मामले की जांच के लिए SIT गठित की जाए. बुधवार को यवतमाल ज़िले में भी प्रदर्शनकारी बीएसएनएल टॉवर पर चढ़ गए थे.

ये भी पढ़ें- सतारा महिला डॉक्‍टर मौत मामले में नया मोड़, अगस्‍त में शादीशुदा युवती की मौत से है कनेक्‍शन?

पोस्टमॉर्टर्म रिपोर्ट में मौत का सही समय दर्ज नहीं

मृतक महिला डॉक्टर के भाई का आरोप है कि पोस्टमार्टर्म रिपोर्ट में “मृत्यु का सही समय” जानबूझकर दर्ज नहीं किया गया है. उनका कहना है कि जांच अधिकारी द्वारा दिए गए मृत्यु के समय में जानबूझकर बड़ी गलती की गई. 11:50 AM की जगह 11:50 PM लिखा गया है. उन्होंने कहा कि जांच संदेहास्पद है. मामले में पुलिस अधिकारी ही आरोपी हैं, इसलिए SIT जांच जरूरी है.

Latest and Breaking News on NDTV

पानी की टंकी पर चढ़कर विरोध-प्रदर्शन

मृतक महिला डॉक्टर के भाई ने कहा, हमारे गांव वाले अपने जीवन की परवाह न करते हुए पानी की टंकी पर चढ़कर इस आंदोलन और लड़ाई में हमारे सहयोगी बने हैं. इसके साथ ही, बीड का कवडगांव गांव और महाराष्ट्र की पूरी जनता इस लड़ाई में हमारे साथ है. मैं उनका धन्यवाद करता हूं और उनसे आगे भी हमारे संघर्ष में साथ देने का निवेदन करता हूं.पुलिस की जांच पूरी तरह से संदेहास्पद होने के कारण, इसके लिए स्वतंत्र एसआईटी गठित हो. यही मांग लेकर हम इस आंदोलन में शामिल हुए हैं.

हम सतारा गए, तो वहां जांच अधिकारी डीएसपी विशाल खांबे सर ने हमें पोस्टमॉर्टर्म रिपोर्ट दिखाई. जब मैंने वह देखी, तो उसमें सिर्फ़ 'कौज़ ऑफ़ डेथ' यानी मृत्यु का कारण में "एस्फ़ेक्सिया ड्यू टू हैंगिंग", फांसी के कारण दम घुटना ही मेंशन किया गया था, जो कि बॉडी देखने के बाद तुरंत समझ आता है.

मृतक लेडी डॉक्टर का भाई

मृतक लेडी डॉक्टर का भाई

मृतक डॉक्टर के भाई का बड़ा आरोप

फॉरेंसिक एक्सपर्ट से पोस्टमॉर्टर्म करवाने का मुख्य कारण यही था कि हमें 'टाइम सिंस डेथ' मृत्यु का समय पता चले. इसके लिए हमारी मांग थी, पर उस पर वह टाइम मेंशन नहीं है. मैंने उनसे यह सवाल किया तो वे बोले कि दो दिन में बताएंगे. उन्होंने कहा कि अगर इस रिपोर्ट को आने में छह दिन लगाते हैं, तो क्या छह दिन में आप सिर्फ़ यही बता पाए जो हमें पहले से पता था. और 'टाइम सिंस डेथ' मृत्यु का समय इस पर क्यों मेंशन नहीं है.

दूसरी बात, ऑटोप्सी रिपोर्ट में पुलिस के अंदाज़े के अनुसार जो उसकी मृत्यु का समय है, वह सुबह 11 बजकर 50 मिनट है, जैसा कि हमें बताया गया. उस रिपोर्ट पर वे इतनी बड़ी गलती जानबूझकर कर रहे हैं कि, उन्हें यह पता है कि यह पूरी तरह से संवेदनशील मामला है, उसमें उन्होंने 11:50 am लिखने के बजाय 11:50pm लिखा है. यानी, अगर आप हमें रात 8 बजे बताते हैं, और रिपोर्ट में मृत्यु का समय रात 11:50 बजे है, तो ये पूरी तरह से संदेहास्पद है और इसकी जांच जल्द से जल्द होनी चाहिए. चूंकि पुलिस ही आरोपी है, इसलिए स्वतंत्र एसआईटी (SIT) की हमारी मांग पूरी हो.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com