लिव-इन रिलेशन के बाद गुपचुप शादी और फिर राजनीति में एक ऊंचा कद हासिल करने के बाद रिश्ते से इनका... पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य से जुड़ी ये कहानी पूरी फिल्मी लगती है. हालांकि, ये कहानी दीपक कुमार स्वर्णकार नामक युवक ने पुलिस को सुनाई है, जो ये संघमित्रा का पति होने का दावा करते हैं. दीपक कुमार स्वर्णकार ने संघमित्रा और उनके पिता स्वमाी प्रसाद मौर्य पर मारपीट, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी का मामला दर्ज कराया है, जिसके बाद कोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य व उनकी बेटी संघमित्रा को फरार घोषित कर दिया है.
ये मामला पूरा फिल्मी है...
दीपक कुमार का कहना है कि वह संघमित्रा के साथ साल 2016 से लिव-इन रिलेशन में रह रहे थे. पुलिस में दर्ज की गई शिकायत में दीपक ने बताया, "संघमित्रा और उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य ने मुझे बताया था कि संघमित्रा की पहली शादी से तलाक हो गया है. लिहाजा मैंने तीन जनवरी 2019 को संघमित्रा से बौद्ध धर्म अनुसार शादी कर ली. चुनाव सिर पर थे, इसलिए दोनों ने इस शादी को गुप्त रखा. संघमित्रा ने 2019 के चुनाव में शपथपत्र देकर खुद को अविवाहित बताया, जबकि बाद में मुझे पता चला कि संघमित्रा का मई 2021 में तलाक हुआ था. ऐसे में हमारी शादी मान्य नहीं थी." शिकायत में खुद को पत्रकार बताने वाले दीपक ने आरोप लगाया है कि संघमित्रा ने 2019 के संसदीय चुनाव से पहले बौद्ध रीति-रिवाजों के साथ उसके साथ दूसरी शादी की थी और चुनाव के बाद उसे इस बारे में लोगों को बताने का आश्वासन दिया था, लेकिन ऐसा नहीं किया.
मेरे ऊपर कई बार कराया जानलेवा हमला!
दीपक ने बताया कि साल 2021 में रीति-रिवाज के साथ विवाह करने के लिए कहा, तो स्वामी प्रसाद मौर्य ने मेरे ऊपर कई बार जानलेवा हमला कराया. दीपक ने अपनी शिकायत में कहा है, "चुनाव के बाद संघमित्रा सांसद बन गईं और तब से उन्होंने और उनके पिता ने पुलिस और गुंडों की मदद से उनका उत्पीड़न शुरू कर दिया है. इसके बाद मैं पुलिस के पास पहुंचा, मेरे साथ बहुत गलत हुआ है और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए."
बाप-बेटी फरार घोषित, हाई कोर्ट से भी राहत नहीं
दीपक के केस के आधार पर एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी पूर्व सांसद बेटी संघमित्रा को फरार घोषित कर दिया है. यह आदेश एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम आलोक वर्मा ने जारी किया. इसके पहले दोनों के खिलाफ इस साल अप्रैल में गैर जमानतीय वारंट जारी किया गया था. मामले में हाईकोर्ट भी बाप-बेटी को राहत देने से इनकार कर चुका है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी कोर्ट में हाजिर होने से बच रहे हैं. इसलिए उनके खिलाफ धारा-82 की कार्यवाही की जाती है. अधिवक्ता ने बताया बिना तलाक लिए धोखाधड़ी कर दूसरी शादी करने की आरोपी संघमित्रा मौर्य और वादी के साथ मारपीट, गाली गलौज और जानमाल की धमकी व साजिश रचने के आरोपी स्वामी प्रसाद मौर्य, नीरज तिवारी, सूर्य प्रकाश शुक्ला व रितिक सिंह के कोर्ट में हाजिर न होने पर कोर्ट ने सभी आरोपियों को फरार घोषित किया है.
स्वामी प्रसाद मौर्य, संघमित्रा के खिलाफ अब आगे क्या?
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 27 अगस्त तय की है. इससे पहले दीपक द्वारा दायर एक शिकायत पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया पांचों आरोपियों के खिलाफ युवक दीपक पर हमला करने, उसे जान से मारने की धमकी देने और उसे खत्म करने की साजिश रचने का मामला बनता है. पुलिस अब जल्द से जल्द स्वामी प्रसाद मौर्य, संघमित्रा को गिरफ्तार करेगी, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा. कोर्ट फिर तय करेगी कि दोनों को जमानत मिलनी चाहिए कि नहीं.
(आईएएनएस इनपुट के साथ...)
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