"मैं चाहती हूं महिलाओं को न्याय मिले" : संदेशखाली मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष

एनसीडब्ल्यू, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग जैसे वैधानिक निकायों को वहां जाने की अनुमति दी जा रही है. पुलिस द्वारा केवल राजनीतिक प्रतिनिधिमंडलों को संदेशखाली जाने से रोका जा रहा है.

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव में महिलाओं द्वारा तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है और इसके बाद से ही यह मामला तूल पकड़ रहा है. यौन उत्पीड़न के मामले में पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शिबू प्रसाद हाजरा को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि, संदेशखाली में उत्पन्न हुई परिस्थिति को देखते हुए कई पार्टियों के सदस्यों को पुलिस द्वारा गांव में जाने से रोका जा रहा है. 

प्रतिनिधिमंडलों को नहीं दी जा रही संदेशखाली जाने की इजाज़त

जानकारी के मुताबिक, एनसीडब्ल्यू, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग जैसे वैधानिक निकायों को वहां जाने की अनुमति दी जा रही है. पुलिस द्वारा केवल राजनीतिक प्रतिनिधिमंडलों को संदेशखाली जाने से रोका जा रहा है. हम यह देखने का इंतजार कर रहे हैं कि क्या उन्होंने धारा 144 बढ़ा दी है क्योंकि अभी तक कोई आदेश नहीं आया है. 

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने कही ये बात

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मामले पर बात करते हुए कहा, "जैसा कि आप जानते हैं, संदेशखाली से बहुत परेशान करने वाली खबर आई है... मैं वहां जा रही हूं और मैं चाहती हूं कि उन्हें (महिलाओं को) न्याय मिले. मैं डीजी और स्थानीय पुलिस से मिलूंगी. मैं महिलाओं से भी मिलना चाहती हूं और उन्हें अपने समर्थन का आश्वासन देना चाहती हूं... मैं राज्यपाल से भी मिलूंगी..."

अदालत की निगरानी में जांच संबंधी याचिका पर आज होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव में हुई हिंसा की अदालत की निगरानी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) या विशेष जांच दल (SIT) से जांच कराने का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने वाला है. न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई करेंगे. याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए श्रीवास्तव द्वारा उल्लेख किये जाने पर शीर्ष अदालत इसकी सुनवाई करने को सहमत हो गई थी.

आलोक श्रीवास्तव द्वारा अपनी व्यक्तिगत क्षमता से दायर की गई याचिका में संदेशखाली हिंसा के पीड़ितों के लिए मुआवजा और कर्तव्य में कथित लापरवाही को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का भी अनुरोध किया गया है. सुप्रीम में वकालत करने वाले श्रीवास्तव सामाजिक-राजनीतिक मुद्दे उठाने के लिए शीर्ष अदालत में जनहित याचिकाएं दायर करते रहे हैं.

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