
साल 2019 में पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हिंसा के मामले में सीबीआई ने टीएमसी के बाहुबली नेता शाहजहां शेख के खिलाफ केस दर्ज किया है. ये केस हत्या, सबूत मिटाने, अपहरण और दंगा फैलाने जैसी IPC की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. 9 जून 2019 को देवदास मंडल की अपहरण कर हत्या कर दी गई थी. शाहजहां शेख के खिलाफ कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज किया गया है.
पश्चिम बंगाल पुलिस ने शाहजहां शेख का नाम आरोपी के तौर पर हटा दिया था. इसी मामले में फटकार लगाने हुए हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई से करने को कहा था. FIR में शाहजहां शेख समेत कुल 25 आरोपी हैं. कोलकाता हाई कोर्ट ने एक अहम आदेश में देबदास मंडल की कथित अपहरण और हत्या के मामले में CBI को आगे की जांच सौंपने का निर्देश दिया है. यह मामला साल 2019 में नाज़त पुलिस स्टेशन, उत्तर 24 परगना ज़िले में दर्ज हुआ था.
इन गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ केस
FIR संख्या 142/19 में पहले से भारतीय दंड संहिता की धाराएं 147, 148, 149, 448, 325 और 364 तथा आर्म्स एक्ट की धाराएं 25 और 27 लागू थीं. अब कोर्ट ने इसमें एससी/एसटी एक्ट की धाराएं 3(1)(z) और 3(2)(v) के साथ-साथ हत्या और सबूत मिटाने से जुड़ी IPC की धाराएं 302 और 201 भी जोड़ी हैं.
हाई कोर्ट ने क्या कहा
कोर्ट ने अपने आदेश में साफ तौर पर कहा कि पुलिस द्वारा जांच में गंभीर चूकें की गईं और मुख्य आरोपी को चार्जशीट से अवैध तरीके से हटा दिया गया. कोर्ट ने इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह न्याय में भारी चूक है. इसलिए, अब इस मामले की जांच पुलिस के बजाय स्वतंत्र एजेंसी CBI को सौंपी जा रही है, ताकि पीड़ित परिवार और आम जनता का विश्वास बना रहे. कोर्ट ने यह भी माना कि पहले की जांच में कुछ साक्ष्य जुटाए जा चुके हैं, इसलिए "दोबारा जांच" से सबूतों की विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है. इसलिए अब CBI इस केस की "आगे की जांच" करेगी.
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