अमेरिका ने 19 भारतीय कंपनियों पर बैन लगाया है. अमेरिका ने इन कंपनियों पर रूस को डिफेंस से जुड़ा सामान उपलब्ध कराए जाने का आरोप लगाया. भारत ने शनिवार को अमेरिका के इस कदम पर बयान जारी किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, "हमने भारतीय कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों की रिपोर्ट देखी है. हम डिफेंस एक्सपोर्ट से जुड़े मामले में UNSC के नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करते हैं. 19 कंपनियों ने किसी भारतीय कानून का उल्लंघन नहीं किया है."
विदेश मंत्रालय ने शनिवार को अमेरिका की ओर से कई भारतीय कंपनियों और नागरिकों पर हाल ही में लगाए गए प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, रणधीर जयसवाल ने कहा कि हम सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों के साथ मिलकर कंपनियों को एक्सपोर्ट नियमों के बारे में जागरूक करने का काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "हमारी समझ यह है कि प्रतिबंधित लेनदेन और कंपनियां भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं करती हैं. फिर भी, भारत की स्थापित अप्रसार साख को ध्यान में रखते हुए, हम सभी संबंधित भारतीय विभागों और एजेंसियों के साथ मिलकर भारतीय कंपनियों को लागू निर्यात नियंत्रण प्रावधानों के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ नए उपायों के बारे में भी सूचित कर रहे हैं."
भारतीय कंपनियों पर क्या है आरोप?
दरअसल, अमेरिकी विदेश विभाग ने 120 कंपनियों की लिस्ट तैयार की हैं. इसमें भारत की 4 कंपनियों एसेंड एविएशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मास्क ट्रांस, TSMD ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड और फुट्रेवो भी शामिल है. अमेरिका ने एसेंड एविएशन से जुड़े दो भारतीय नागरिकों पर भी प्रतिबंध लगाया है. इनका नाम विवेक कुमार मिश्रा और सुधीर कुमार है.
अमेरिका ने और किन देशों की कंपनियों पर लगाया बैन?
अमेरिका ने भारत के अलावा रूस, चीन, मलेशिया, थाईलैंड, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात जैसे एक दर्जन से ज्यादा देशों की 398 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. अमेरिका का आरोप है कि ये कंपनियां फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस को साजो-सामान उपलब्ध करवा रही हैं, जिनका इस्तेमाल रूस युद्ध में कर रहा है.
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