एआईएमआईएम (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के अयोध्या (Ayodhya) जिले के दौरे से पहले संतों ने जिले में लगाए गए पार्टी के पोस्टरों में जनपद के पूर्व नाम फैजाबाद (Faizabad) का इस्तेमाल किए जाने पर आपत्ति जताई है और इसे हिंदुत्व विरोधी कदम बताया है. संतों ने चेतावनी दी है कि अगर पोस्टरों में अयोध्या का जिक्र नहीं किया गया तो जिले में ओवैसी की जनसभा नहीं होने दी जाएगी. ओवैसी सात सितंबर को अयोध्या जिले के रुदौली में सूफी संत शेख आलम मखदूम जदा की दरगाह पर जाएंगे और वहां एक जनसभा करेंगे.
हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने मीडिया से कहा, ‘‘अयोध्या (जिले) को फैजाबाद नाम से नहीं पुकारना चाहिए. जिले का नया नाम अयोध्या सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है.''
तपस्वी मंदिर के महंत परमहंस दास ने इसे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) का ‘‘हिंदुत्व विरोधी'' कदम बताया. उन्होंने कहा कि अगर फैजाबाद नाम वाले पोस्टर नहीं हटाए गए तो पार्टी को जिले में जनसभा नहीं करने दी जाएगी.
उत्तर प्रदेश सरकार ने नवंबर 2018 में फैजाबाद मंडल का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था. संतों की आपत्तियों पर एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष शाहनवाज सिद्दीकी ने कहा कि जिले को पहले फैजाबाद कहा जाता था और लोगों को बदलाव की आदत पड़ने में समय लगेगा.
सिद्दीकी ने कहा, ‘‘पोस्टर में दोनों नामों का उल्लेख है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम क्या नाम लिखते हैं, यह मुद्दा बनाने का विषय नहीं है.''
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