- बेंगलुरू के आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग परिसर में ड्राइवरलेस कार का एक वीडियो अब वायरल हो गया है.
- उत्तरादि मठ के सत्यात्मातीर्थ स्वामी ने इस कॉन्सेप्ट ड्राइवरलेस वाहन में एक छोटी सी सवारी की थी.
- यह ड्राइवरलेस कार विकास के चरंण में है और आने वाले महीनों में इसकी औपचारिक शुरुआत होने की संभावना है.
बेंगलुरू के एक कॉलेज परिसर से ड्राइवरलेस कार का वीडियो सामने आया है, जिसके बाद इस कार को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता है और लोग इस कार और इसके पीछे की टीम के बारे में जानना चाहते हैं. साथ ही इस शानदार कार का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया है. वीडियो में एक संत कुछ अन्य लोगों के साथ कार के अंदर शांति से बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि यह ड्राइवरलैस कार कॉलेज परिसर में स्वचालित रूप से घूम रही है. हालांकि इस कार की सच्चाई सामने आ गई है.
अब यह पुष्टि हो गई है कि यह संत उत्तरादि मठ के सत्यात्मातीर्थ स्वामी हैं, जिन्होंने आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग का दौरा किया था और इस कॉन्सेप्ट ड्राइवरलेस वाहन में एक छोटी सी सवारी की थी.
Bengaluru में ड्राइवरलेस कार में बैठे संत का Video Viral
— NDTV India (@ndtvindia) October 28, 2025
वीडियो में संत को कुछ अन्य लोगों के साथ शांति से बैठे देखा जा सकता है. बताया जा रहा है कि ये संत उत्तरादि मठ के श्री सत्यात्मातीर्थ स्वामी जी हैं, जो आर.वी. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में आए थे और उन्होंने इस ड्राइवरलेस कार में… pic.twitter.com/e1rQquoEed
विकास के चरण में है यह कार
सूत्रों के अनुसार, इन परियोजना अभी विकास के चरण में है और आने वाले महीनों में इसका औपचारिक शुरुआत होने की उम्मीद है. ड्राइवरलेस कार के पूरी तरह तैयार होने के बाद इसके सुचारू और सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सड़कों की स्थिति की डिटेल मैपिंग और स्टडी की जा रही है.
यह पहल WIRIN (Wipro–IISc Research and Innovation Network) कार्यक्रम के तहत विप्रो, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) और आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की भागीदारी वाला एक प्रयास है.
WIRIN एक ज्वाइंट प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य रियल वर्ल्ड एप्लीकेशन पर केंद्रित रिसर्च, इनोवेशन और डिजाइन के माध्यम से अगली पीढ़ी की तकनीकों को आगे बढ़ाना है.
विप्रो और IISc के बीच साझेदारी को एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया, जिससे AI, रोबोटिक्स और ह्यूमन मशीन इंटरेक्शन में सहयोगात्मक अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके, जिसमें आरवी कॉलेज वाहन के विकास में इंजीनियरिंग विशेषज्ञता का योगदान देगा.
सहयोग के अन्य क्षेत्रों में शामिल हैं-
- ऑटोनोमस सिस्टम: इमेजिंग, इमेज प्रोसेसिंग और कंप्यूटर विजन
- आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग: इसमें डीप लर्निंग एल्गोरिदम शामिल है
- डेटा साइंस और साइबर सुरक्षा
- स्मार्ट मेटेरियल और इमजिंग टेक्नोलॉजी
- डिजाइन और मेन्युफेक्चरिंग
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