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This Article is From May 05, 2021

SAIL ने दिखाया दम, रोजाना 1100 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही कंपनी

स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL), देश में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) की आपूर्ति करने की अपनी क्षमताओं को लगातार बढ़ा रहा है.

SAIL ने दिखाया दम, रोजाना 1100 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही कंपनी
ऑक्सीजन की आपूर्ति को SAIL लगातार बढ़ा रहा है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

देश के सबसे बड़े घरेलू स्टील उत्पादकों में से एक स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL), देश में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) की आपूर्ति करने की अपनी क्षमताओं को लगातार बढ़ा रहा है. SAIL अपने भिलाई (छत्तीसगढ़), राउरकेला (ओडिशा), बोकारो (झारखंड), दुर्गापुर और बर्नपुर (पश्चिम बंगाल) में स्थित अपने एकीकृत इस्पात संयंत्रों से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह के 500 मीट्रिक टन से बढ़ाकर मौजूदा समय में 1100 मीट्रिक टन से अधिक कर दिया है.

देश के साथ मजबूती से खड़ी कंपनी अब तक लगभग 50,000 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति कर चुकी है. मौजूदा अप्रैल, 2021 के महीने में SAIL ने देशभर के 15 राज्यों में 17,500 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की है, इनमें वे राज्य भी शामिल हैं, जहां सेल संयंत्र स्थित हैं.

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अब तक SAIL के बोकारो, राउरकेला और दुर्गापुर संयंत्रों से 14 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' के जरिए देश के विभिन्न हिस्सों के लिए 950 मीट्रिक टन से अधिक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की है. SAIL के संयंत्रों को टैंकर भी मिले हैं, जिन्हें एयरलिफ्ट किया गया है और लोडिंग के बाद सड़क और रेल मार्ग से उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया.

आईएसओ टैंकरों के आगमन के साथ, SAIL सुविधाओं ने वितरण बिंदुओं पर उपयुक्त रूपांतरण और संशोधनों के बाद इन टैंकरों को वितरित किया है. SAIL की सुविधाओं पर एलएमओ का उत्पादन प्रक्रिया मापदंडों के अनुकूलतम उपयोग के द्वारा किया जा रहा है. सेल के संयंत्रों में उत्पादन और वितरण 24x7 हो रहा है.

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SAIL लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति और अपनी वर्तमान चिकित्सा सुविधाओं के अलावा, संयंत्रों से समर्पित गैस पाइपलाइनों द्वारा लाए गए गैसीय ऑक्सीजन के साथ, अतिरिक्त 2,500 अस्पताल बेड स्थापित करने जा रहा है. ये बेड सीधे ऑक्सीजन के अतिरिक्त स्रोत के रूप में गैसीय ऑक्सीजन का उपयोग करेंगे क्योंकि तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग वर्तमान में अधिक है.

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