यूक्रेन (Ukraine) में फंसे लोगों और छात्रों की मदद के लिए उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, बंगाल, गुजरात सहित भारत की कई राज्यों सरकारों ने हेल्पलाइन (Helpline) स्थापित की है. साथ ही गृह और नागरिक उड्डयन मंत्रालयों ने युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के मुद्दे को उठाया और वहां फंसे लोगों को वापस लाने के लिये कड़े कदम उठाने की बात की. यूक्रेन में भारत के राजदूत वहां फंसे छात्रों की सूची तैयार कर रहे हैं और मौका मिलते ही उन्हें वापस लाने की व्यवस्था की जा रही है. इसी बीच, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार रूसी आक्रमण (Russian Attack) के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने की व्यवस्था कर रही है और जैसे ही पूर्वी यूरोपीय देश का हवाई क्षेत्र यात्री उड़ानों नागरिकों के लिए खुलेगा, उन्हें स्वदेश लाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया है. गडकरी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ''न केवल विदर्भ (महाराष्ट्र क्षेत्र) के छात्र, बल्कि पूरे भारत से छात्र यूक्रेन में चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे हैं. गृह और नागरिक उड्डयन मंत्रालयों ने युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के मुद्दे को उठाया है.'' उन्होंने कहा, ''यूक्रेन में भारत के राजदूत वहां फंसे छात्रों की सूची तैयार कर रहे हैं और मौका मिलते ही उन्हें वापस लाने की व्यवस्था की जा रही है.''
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जनकारी के अनुसार, रूस के सैन्य अभियान के बीच सिर्फ गुजरात के करीब 2,500 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वाघानी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल यूक्रेन में फंसे हुए राज्य के छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार के लगातार संपर्क में हैं. विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर निष्क्रिय होने और छात्रों तथा अन्य भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने में देरी करने का आरोप लगाया. हालांकि सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा है कि केंद्र सरकार गुजरात के छात्रों सहित अन्य भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
बता दें, ओडिशा के भी करीब 1,500 छात्र यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान के बीच फंसे हुए हैं. इन छात्रों की सुरक्षा और सकुशल वापसी को लेकर इनके अभिभावक बेहद चिंतित हैं. इस संबंध में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की और उनसे राज्य के छात्रों और श्रमिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया. ओडिशा के छात्रों को यूक्रेन से सुरक्षित निकालने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों से आम लोगों की अपील के बाद पटनायक ने सुबह केंद्रीय गृह मंत्री को फोन कर उनसे इस संबंध में बातचीत की. यूक्रेन में मौजूद अधिकांश छात्र चिकित्सा पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने अधिकतर छात्रों और श्रमिकों को यूक्रेन से सुरक्षित बाहर निकालने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री से बात की.'' मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया है कि भारत सरकार यूक्रेन की सरकार के नियमित संपर्क में है और छात्रों तथा श्रमिकों को जल्द से जल्द वापस लाने के लिए काम कर रही है.''
गौरतलब है कि संकटग्रस्त यूक्रेन में फंसे हुए ओडिशा समेत अन्य भारतीय राज्यों के छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और वे अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित एवं घबराए हुए हैं. यूक्रेन में फंसे हुए कई भारतीय छात्रों का कहना है कि उनके पास भोजन और पीने के पानी का सीमित भंडार है. छात्रों का कहना है कि बिजली की आपूर्ति कभी भी बाधित हो सकती है और नेटवर्क कभी भी जा सकता है.
इसके अलावा, कर्नाटक सरकार ने बताया कि राज्य के 346 लोग युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे हुए हैं और उन्हें वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने युद्धग्रस्त देश में फंसे छात्रों की सुरक्षा और वहां से उनकी सुरक्षित वापसी को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बातचीत की. कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) के राज्य आपात ऑपरेशन केन्द्र (एसईओसी) को यूक्रेन में फंसे लोगों के संबंध में शुक्रवार अपराह्न तीन बजे तक मिली जिलेवार सूचना के अनुसार राज्य के कुल 346 लोग वहां फंसे हुए हैं. आंकड़ों के अनुसार, यूक्रेन में फंसे राज्य के लोगों में से 115 बेंगलुरु से हैं जबकि मैसूरू से 30, विजयपुरा से 24, बगलकोटे से 22, तुमकुरु से 16 लोग और शेष अन्य जिलों से हैं.
केएसडीएमए ने आज दिन में कहा था कि यूक्रेन में 91 लोग फंसे हुए हैं और सभी छात्र हैं. राज्य सरकार ने गुरुवार को अधिसूचना जारी कर कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आयुक्त मनोज राजन को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जो यूक्रेन में फंसे लोगों व छात्रों को उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाने का काम करेंगे और इसके लिए चौबीसों घंटे काम करने वाले हेल्पलाइन की भी शुरूआत की गयी है. मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा, ‘‘आज सुबह मैंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बातचीत की. उनके पास पूरी जानकारी है. कर्नाटक से कई छात्र वहां मेडिकल की पढ़ाई करने गए हैं.... सभी के साथ संपर्क बना हुआ है और उन्हें सुरक्षित जगहों पर रहने को कहा गया है.'' यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत सरकार उन्हें सुरक्षित निकालने के तमाम प्रयास कर रही है और रूसी भाषा बोलने वाले राजनयिकों को यूक्रेन भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि हवाई मार्ग बंद हो गए हैं, ऐसे में राजनयिक मदद से उन्हें सड़क मार्ग से वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. लोग सोच रहे हैं कि पश्चिमी यूक्रेन में फंसे लोग वहां से निकल सकते हैं, लेकिन सही वक्त और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय दूतावास इस संबंध में निर्देश देगा. वे छात्रों के संपर्क में हैं.''
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन में फंसे छात्रों को भोजन सहित अन्य आवश्यक चीजें मुहैया कराने का अनुरोध विदेश मंत्री से किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और केन्द्र सरकार ने हेल्पलाइन शुरू किया है. बोम्मई ने कहा, ‘‘जयशंकर ने निर्देश दिया है कि युद्ध की स्थिति में जब तक कुछ हद तक सुधार नहीं होता सभी को (वहां फंसे लोगों) सतर्क रहने की आवश्यकता है. अभी तक किसी के परेशान होने और किसी को नुकसान पहुंचने की सूचना नहीं है, लेकिन खारकीव सहित अन्य स्थानों पर बमबारी की सूचना है.''
उत्तर प्रदेश सरकार ने यूक्रेन में उत्पन्न आपातकालीन परिस्थितियों में वहां फंसे राज्य के विद्यार्थियों और अन्य लोगों को सहायता पहुंचाने तथा भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास से समन्वय के लिए एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है और एक हेल्पलाइन सेवा शुरू की है. उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से शुक्रवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यूक्रेन में उत्पन्न आपातकालीन परिस्थितियों के लिए वहां फंसे विद्यार्थियों और अन्य व्यक्तियों को सहायता पहुंचाने तथा भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास से समन्वय के लिए राहत आयुक्त एवं राजस्व विभाग के सचिव रणवीर प्रसाद को नोडल अधिकारी नामित किया गया है.
मनोज कुमार सिंह की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक यूक्रेन में उत्पन्न आपातकालीन परिस्थितियों के दृष्टिगत यूक्रेन आने जाने के लिए सभी विमान सेवा बंद है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन का एयर स्पेस भी बंद है और भारतीय दूतावास, कीव सहित यूक्रेन में मौजूद सभी भारतीयों को संभावित मदद पहुंचाने के लिए प्रयासरत है. विदेश मंत्रालय भारत सरकार तथा भारतीय दूतावास, कीव, यूक्रेन द्वारा हेल्पलाइन संचालित की जा रही है.
तेलंगाना सरकार ने भी यूक्रेन में फंसे राज्य के प्रवासियों और छात्रों की मदद के लिए यहां राज्य सचिवालय और नई दिल्ली स्थित तेलंगाना भवन में हेल्पलाइन स्थापित की है. केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी इस मुद्दे को उठाया है. राज्य के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि हेल्पलाइन पर कल रात से 75 कॉल आई हैं. नई दिल्ली में तेलंगाना भवन के रेजिडेंट कमिश्नर और अन्य अधिकारियों के साथ टेली-कॉन्फ्रेंस करने के बाद मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार विदेश मंत्रालय के लगातार संपर्क में है. केंद्रीय पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी ने कहा कि उन्होंने भारतीय दूतावास और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से यूक्रेन में फंसे दक्षिणी राज्यों के छात्रों की मदद के लिए बात की है. रेड्डी ने गुरुवार को ट्वीट किया, ''यूक्रेन में दक्षिण भारत और तेलुगु भाषी राज्यों के छात्रों के संबंध में, यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास, माननीय विदेश मंत्री और विदेश मंत्रालय से आज बात की.''
उन्होंने ट्वीट किया, ''विदेश मंत्रालय स्थिति की मिनट-दर-मिनट निगरानी कर रहा है और उसने संकट के इस समय में सभी को सभी आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया है.'' उन्होंने कहा कि चूंकि यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद है, इसलिये भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.
इसी बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे राज्य के विद्यार्थियों एवं लोगों की मदद के लिए शुक्रवार को एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया. राज्य सूचना एवं संस्कृति मामले विभाग की ओर से जारी एक नोटिस में कहा गया है कि यह नियंत्रण कक्ष सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक खुला रहेगा. नोटिस में कहा गया है, ‘‘यूक्रेन में फंसे हुए पश्चिम बंगाल के विद्यार्थियों एवं लोगों की मदद के लिए यह नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका नेतृत्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी करेंगे और राज्य लोक सेवा अधिकारी इसका कामकाज देखेंगे.'' नोटिस के अनुसार वहां फंसे लोगों के परिवार अधिकारियों से 2214-3526 और 1070 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं. एक अधिकारी ने कहा कि यूक्रेन में फंसे पश्चिम बंगाल के विद्यार्थियों की कुल संख्या का आकलन किया जा रहा है.
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वही, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने घोषणा की है कि युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे प्रदेश के विद्यार्थियों को वापस लाने पर आने वाला पूरा यात्रा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. यूक्रेन गत 24 फरवरी से रूसी आक्रमण का सामना कर रहा है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन में फंसे नागरिकों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए राज्य सरकार द्वारा नई दिल्ली के अलावा राज्य और जिला स्तर पर नियुक्त अधिकारियों से अब तक 916 विद्यार्थियों और प्रवासी नागरिकों ने सम्पर्क किया है. बयान में कहा गया है, ‘‘इन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने घोषणा की है कि तमिलनाडु के छात्रों की सुरक्षित स्वदेश वापसी पर आने वाला पूरा यात्रा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी.''
बयान में आगे कहा गया है कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए रिहैबिलेशन एंड वेलफेयर ऑफ नन-रेजिडेंट्स तमिल्स के निदेशक जसिंथा लजारस से भी सम्पर्क किया जा सकता है. राज्य सरकार ने यह घोषणा स्टालिन के उस आह्वान के एक दिन बाद की है, जिसके तहत उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर को तमिलनाडु के विद्यार्थियों और प्रवासियों को यूक्रेन से सुरक्षित वापस लाने के लिए विशेष वंदे भारत मिशन उड़ानें शुरू करने का अनुरोध किया था.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)