जयपुर:
जयपुर साहित्य समारोह में सलमान रुश्दी के शामिल होने या न होने पर ऊहापोह की स्थिति शुक्रवार को समाप्त हो गई, जब उन्होंने स्वयं आयोजकों को इसमें शामिल नहीं होने की लिखित जानकारी दी। रुश्दी ने अपने संदेश में कहा है कि अपनी जान को खतरे की आशंका के मद्देनजर उन्होंने जयपुर यात्रा रद्द की है।
विवादास्पद पुस्तक 'सैटेनिक वर्सेस' के लेखक रुश्दी का संदेश शुक्रवार से शुरू हुए साहित्य समारोह में आयोजकों ने पढ़कर सुनाया, जिसमें उन्होंने लिखा है, "पिछले कई दिन से मैंने जयपुर प्रशासन के अनुरोध पर अपनी यात्रा को लेकर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया। मुझे उम्मीद थी कि वे एहतियातन ऐसे आवश्यक उपाय करेंगे, जिससे मैं यात्रा कर सकूंगा और यहां सौहार्दपूर्ण एवं सुरक्षित माहौल में साहित्य प्रेमियों के बीच अपनी बात रख सकूंगा।"
अपने संदेश में उन्होंने लिखा, "महाराष्ट्र और राजस्थान में खुफिया ब्यूरो के सूत्रों ने मुझे सूचित किया कि मुम्बई अंडरवर्ल्ड से कुछ लोग मुझे मारने के लिए आ रहे हैं, जिन्हें इस काम के लिए पैसे दिए गए हैं।"
अपनी यात्रा को लेकर कुछ मुसलमान कट्टरपंथियों के विरोध पर निराशा जताते हुए रुश्दी ने कहा, "हालांकि मुझे इस खुफिया जानकारी की सच्चाई पर कुछ संदेह है, फिर भी ऐसी परिस्थिति में इस समारोह में शामिल होना मेरे, मेरे परिवार, समारोह के दर्शकों और सहयोगी लेखकों के लिए गैर-जिम्मेदाराना होगा। इसलिए मैं जयपुर की यात्रा नहीं करूंगा, जैसा कि पूर्व में निर्धारित था।"
वर्ष 2007 के साहित्य समारोह में भाग ले चुके रुश्दी ने अपनी नाराजगी ट्विटर पर भी जाहिर की। उन्होंने लिखा, "जयपुर नहीं आना बेहद निराशाजनक है। मुझे बताया गया है कि मुम्बई के अंडरवर्ल्ड माफिया को मुझे मारने के लिए सुपारी दी गई है।"
अपने प्रति समर्थन और सहानुभूति जताने वालों का उन्होंने धन्यवाद किया। उन्होंने अपने लेखन से लोगों को पहुंची भावनात्क ठेस के लिए खेद जताया और मुसलमानों द्वारा ट्विटर के विरोध को भी चिंताजनक बताया।
रुश्दी की जयपुर यात्रा का मुसलमान शुरू से ही विरोध करते रहे हैं। देवबंद ने भी इस सम्बंध में अपना विरोध जताया था। शुक्रवार को भी मुसलमानों के एक दल ने समारोह स्थल के बाहर उनके विरोध की योजना बनाई थी, लेकिन उनके जयपुर नहीं आने की खबर के बाद इसे रद्द कर दिया गया।
विवादास्पद पुस्तक 'सैटेनिक वर्सेस' के लेखक रुश्दी का संदेश शुक्रवार से शुरू हुए साहित्य समारोह में आयोजकों ने पढ़कर सुनाया, जिसमें उन्होंने लिखा है, "पिछले कई दिन से मैंने जयपुर प्रशासन के अनुरोध पर अपनी यात्रा को लेकर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया। मुझे उम्मीद थी कि वे एहतियातन ऐसे आवश्यक उपाय करेंगे, जिससे मैं यात्रा कर सकूंगा और यहां सौहार्दपूर्ण एवं सुरक्षित माहौल में साहित्य प्रेमियों के बीच अपनी बात रख सकूंगा।"
अपने संदेश में उन्होंने लिखा, "महाराष्ट्र और राजस्थान में खुफिया ब्यूरो के सूत्रों ने मुझे सूचित किया कि मुम्बई अंडरवर्ल्ड से कुछ लोग मुझे मारने के लिए आ रहे हैं, जिन्हें इस काम के लिए पैसे दिए गए हैं।"
अपनी यात्रा को लेकर कुछ मुसलमान कट्टरपंथियों के विरोध पर निराशा जताते हुए रुश्दी ने कहा, "हालांकि मुझे इस खुफिया जानकारी की सच्चाई पर कुछ संदेह है, फिर भी ऐसी परिस्थिति में इस समारोह में शामिल होना मेरे, मेरे परिवार, समारोह के दर्शकों और सहयोगी लेखकों के लिए गैर-जिम्मेदाराना होगा। इसलिए मैं जयपुर की यात्रा नहीं करूंगा, जैसा कि पूर्व में निर्धारित था।"
वर्ष 2007 के साहित्य समारोह में भाग ले चुके रुश्दी ने अपनी नाराजगी ट्विटर पर भी जाहिर की। उन्होंने लिखा, "जयपुर नहीं आना बेहद निराशाजनक है। मुझे बताया गया है कि मुम्बई के अंडरवर्ल्ड माफिया को मुझे मारने के लिए सुपारी दी गई है।"
अपने प्रति समर्थन और सहानुभूति जताने वालों का उन्होंने धन्यवाद किया। उन्होंने अपने लेखन से लोगों को पहुंची भावनात्क ठेस के लिए खेद जताया और मुसलमानों द्वारा ट्विटर के विरोध को भी चिंताजनक बताया।
रुश्दी की जयपुर यात्रा का मुसलमान शुरू से ही विरोध करते रहे हैं। देवबंद ने भी इस सम्बंध में अपना विरोध जताया था। शुक्रवार को भी मुसलमानों के एक दल ने समारोह स्थल के बाहर उनके विरोध की योजना बनाई थी, लेकिन उनके जयपुर नहीं आने की खबर के बाद इसे रद्द कर दिया गया।
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