
Salman Rushdie News: भारतीय मूल के अमेरिकी-ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले युवक को 25 साल के जेल की सजा सुनाई गई है. अगस्त 2022 में न्यूजर्सी के 27 वर्षीय हादी मतार ने न्यूयॉर्क में आयोजित एक प्रोग्राम के दौरान सलमान रुश्दी पर कई बार चाकू से हमला किया था. इस हमले में सलमान रुश्दी को एक आंख की गंवानी पड़ी थी. फरवरी 2025 में हादी मतार को दोषी करार दिया गया था. शुक्रवार को उसे 25 साल से जेल की सजा सुनाई गई.
अगस्त 2022 में सलमान रुश्दी पर हुआ था हमला
मालूम हो कि अगस्त 2022 में हुए हमले में रुश्दी को गंभीर चोटें आई थीं. उनके लीवर को नुकसान पहुंचा था. एक आंख की रोशनी चली गई, उनका हाथ लकवाग्रस्त हो गया. पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा काउंटी कोर्ट में दो सप्ताह की सुनवाई के बाद हादी मतार को फरवरी 2025 में दोषी करार दिया गया था.
आरोपी ने रुश्दी पर 15 बार किए थे चाकू के वार
इस मामले में बुकर पुरस्कार विजेता 77 वर्षीय रुश्दी ने गवाही के दौरान कहा था कि वह ऐतिहासिक चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में मंच पर थे, जब उन्होंने एक व्यक्ति को अपनी ओर भागते हुए देखा. घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि हमलावर की आंखें देखकर वह दंग रह गए, "जो काली थीं और बहुत क्रूर लग रही थीं." पहले तो उन्हंने सोचा कि उसे मुक्का मारा गया है, लेकिन बाद में एहसास हुआ कि उन्हें चाकू मारा गया है - कुल 15 बार - और उनकी आंख, गाल, गर्दन, छाती, धड़ और जांघ पर घाव हुए हैं.
विवादित नोबल द सैटेनिक वर्सेज के कारण किया था हमला
यह हमला रुश्दी के विवादास्पद उपन्यास, 'द सैटेनिक वर्सेज' के पहली बार प्रकाशित होने के 35 साल से भी ज़्यादा समय बाद हुआ था. मालूम हो कि पैगंबर मुहम्मद के जीवन से प्रेरित इस उपन्यास ने कुछ मुसलमानों में आक्रोश पैदा कर दिया था, जिन्होंने इसके कंटेंट को ईशनिंदा वाला माना था. 1988 में प्रकाशित होने के बाद इस किताब पर कुछ देशों में प्रतिबंध लगा दिया गया था.
इस पुस्तक के कारण रुश्दी को कई धमकियों का सामना करना पड़ा और ईरान के धार्मिक नेता द्वारा फतवा जारी करने के बाद नौ साल तक छिपने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
रुश्दी को बताया था इस्लाम पर हमला करने वाला
2022 में जेल से न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए गए एक इंटरव्यू में सलमान रुश्दी पर हमले के आरोपी हादी मतार ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी की रुश्दी की मौत का आह्वान करने के लिए तारीफ की. उसने कहा, "मुझे नहीं लगता कि वह बहुत अच्छे व्यक्ति हैं. वह ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने इस्लाम पर हमला किया है."
हिजबुल्लाह के लिए भी काम करता था आरोपी
मतार ने यह भी कहा कि 'द सैटेनिक वर्सेज' के केवल कुछ ही पृष्ठ पढ़े हैं. लेबनानी माता-पिता के घर न्यू जर्सी के फेयरव्यू में जन्मे मतार पर लेबनान स्थित आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह की मदद करने के लिए एक अलग संघीय मामले में भी आरोप लगाया गया है. हिजबुल्लाह को पश्चिमी देशों, इजरायल, खाड़ी अरब देशों और अरब लीग ने आतंकवादी संगठन घोषित किया हुआ है.
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