
RSS 100 Years: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के इस वर्ष 100 साल पूरे हो रहे है. अपनी स्थापना के 100 साल पूरे होने पर आरएसएस शताब्दी वर्ष का आयोजन करने वाला है. जिसके जरिए संघ भारत के हर गांव, हर बस्ती, हर घर तक अपनी पहुंच बनाएगा. इस बात की जानकारी शनिवार को कर्नाटक में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक के तीसरे दिन आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने दी. होसबोले ने शताब्दी वर्ष आयोजन के साथ-साथ औरंगजेब प्रकरण पर भी अपनी राय दी.
औरंगजेब का विरोध धार्मिक नहीं राष्ट्र हित मेंः होसबोले
आरएसएस के महासचिव (सरकार्यवाह) दत्तात्रेय होसबोले ने कहा औरंगजेब जैसे लोगों का विरोध धार्मिक नहीं बल्कि राष्ट्र और उसकी एकता के हित में है. इससे पहले आरएसएस सूत्रों ने स्पष्ट किया था कि चाहे आज व्यक्ति के तौर पर औरंगजेब प्रासंगिक न हो लेकिन मुद्दे के तौर पर वह प्रासंगिक है.
राष्ट्र की संस्कृति के प्रतीक के हमारे आदर्श होने चाहिए
आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के अंतिम दिन संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने एक प्रेस कांफ्रेंस में औरंगजेब पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कहा कि जो समाज और राष्ट्र की संस्कृति के प्रतीक हैं, उन्हें ही हमारा आदर्श होना चाहिए, न कि वे जो असहिष्णुता के लिए जाने जाते हैं और राष्ट्र के चरित्र का प्रतिनिधित्व नहीं करते.
औरंगजेब जैसे लोगों का विरोध धार्मिक नहीं, बल्कि राष्ट्र और उसकी एकता के हित में है. यद्यपि हमें 1947 में राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त हुई, लेकिन औपनिवेशिक मानसिकता आज भी एक वास्तविकता है और इस औपनिवेशिक मानसिकता को समाप्त करना आवश्यक है.
वक्फ कानून के संशोधन पर आरएसएस का क्या है कहना
हिन्दू संगठनों द्वारा वक्फ कानून को निरस्त करने की मांग को लेकर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए होसबाले ने कहा कि वक्फ द्वारा उनकी भूमि पर अतिक्रमण से कई किसान भी प्रभावित हैं. सरकार समाधान पर काम कर रही है और जो गलत है, उसे दूर किया जाना चाहिए.
धर्म के आधार पर आरक्षण के बारे में पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा कि न्यायालयों ने कई बार सरकार के ऐसे कार्यों को असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया है. इस तरह के राजनीतिक कदम उठाने वाला कोई भी व्यक्ति संविधान निर्माताओं के उद्देश्य के विरुद्ध ही जा रहा है.
प्रतिवेदन में वर्तमान राष्ट्रीय परिदृश्य, विशेषकर मणिपुर की स्थिति पर उनके वक्तव्य को लेकर कहा कि सरकार ने अपने आकलन के आधार पर कुछ कदम उठाए हैं और संघ ने केवल इतना कहा है कि ऐसे सभी उपाय किए जाने चाहिए, जिससे समस्या का समाधान हो और मणिपुर के लोगों का जीवन सामान्य हो और वे सौहार्दपूर्ण तरीके से रह सकें.
विजयादशमी पर पूरे होंगे संघ के सौ वर्ष
इस वर्ष विजयादशमी के दिन संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं. आने वाला वर्ष संघ कार्य के विस्तार तथा सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित होगा. होसबाले के अनुसार संघ का उद्देश्य इस उपलब्धि का उत्सव मनाना नहीं है, बल्कि 1). आत्मचिंतन करना, 2). संघ कार्य के लिए समाज द्वारा दिए समर्थन के लिए आभार प्रकट करना तथा 3). राष्ट्र के लिए तथा समाज को संगठित करने के लिए स्वयं को पुनः समर्पित करना है. उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष में हम अधिक सावधानी, गुणवत्ता तथा व्यापकता से कार्य करने का संकल्प लेते हैं.
बांग्लादेश में हिंदू उत्पीड़न पर प्रस्ताव पारित
बांग्लादेश में हिन्दू उत्पीड़न पर पारित प्रस्ताव के अलावा अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर संकल्प लिया है. सरकार्यवाह होसबाले ने कहा कि जैसा कि डॉ. हेडगेवार जी ने संघ की स्थापना के समय कहा था, संघ कोई नया कार्य शुरू नहीं कर रहा है, बल्कि कई शताब्दियों से चले आ रहे काम को आगे बढ़ा रहा है. विजयादशमी के दिन से संघ शताब्दी के दौरान विशिष्ट गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करेगा.
शताब्दी वर्ष के लिए RSS की विशेष तैयारी, पूरे साल होंगे आयोजन
- शताब्दी वर्ष की शुरुआत विजयादशमी 2025 के अवसर पर होगी, जिसमें गणवेश (संघ गणवेश) में स्वयंसेवकों के मंडल, खंड/नगर स्तर के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. हर वर्ष की तरह इस अवसर पर सरसंघचालक मोहन भागवत स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे.
- नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक तीन सप्ताह तक बड़े पैमाने पर घर-घर संपर्क अभियान की योजना बनाई गई है, जिसका विषय "हर गांव, हर बस्ती, घर-घर" होगा. संपर्क के दौरान संघ साहित्य वितरित किया जाएगा और स्थानीय इकाइयों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
- सभी मंडलों और बस्तियों में हिन्दू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक के जीवन में एकता और सद्भाव, राष्ट्र के विकास में सभी का योगदान और पंच परिवर्तन में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी, का संदेश दिया जाएगा.
- खंड/नगर स्तर पर सामाजिक सद्भाव बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिसमें एक साथ मिलकर रहने पर बल दिया जाएगा. इन बैठकों का उद्देश्य सांस्कृतिक आधार और हिन्दू चरित्र को खोए बिना आधुनिक जीवन जीने का संदेश देना होगा. होसबाले ने महाकुम्भ का उदाहरण दिया, जहां सभी क्षेत्रों के लोग एक साथ आए थे.
- होसबाले ने कहा कि जिला स्तर पर प्रमुख नागरिक संवाद आयोजित किए जाएंगे. इन कार्यक्रमों में राष्ट्रीय विषयों पर सही विमर्श स्थापित करने और आज प्रचलित गलत विमर्श को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
- युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम प्रांतों द्वारा आयोजित किए जाएंगे. 15 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए राष्ट्र निर्माण, सेवा गतिविधियों और पंच परिवर्तन पर केंद्रित कार्यक्रम किए जाएंगे. स्थानीय इकाइयां आवश्यकता के अनुसार कार्यक्रमों की योजना बनाएंगी.
हिन्दू समाज का पुनर्जागरण ही संघ का उद्देश्य
संघ की 100 वर्ष की यात्रा के उद्देश्य पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में होसबाले ने कहा कि हिन्दू समाज का पुनर्जागरण ही संघ का उद्देश्य रहा है. संघ का लक्ष्य हिन्दू समाज को संगठित करना है. अस्पृश्यता जैसे कई अंतर्निहित दोषों के कारण यह एक कठिन कार्य था. संघ अपनी शाखाओं और राष्ट्रव्यापी गतिविधियों के माध्यम से इसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगातार काम कर रहा है, जो एक सामंजस्यपूर्ण समाज और राष्ट्र के लिए सभी को एक साथ लाता है.
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