दिल्ली शराब घोटाले में दी गई 100 करोड़ रुपये की रिश्वत : ईडी का दावा

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली की शराब बिक्री नीति से जुड़े एक मामले में गुरुवार को दो निजी कंपनियों के दो अधिकारियों को गिरफ्तार करने के बाद बड़ा दावा किया.

दिल्ली शराब घोटाले में दी गई 100 करोड़ रुपये की रिश्वत : ईडी का दावा

दिल्ली शराब घोटाले में 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप.

नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को दावा किया कि दिल्ली में नई शराब बिक्री नीति (जो अब खत्म हो चुकी है) से जुड़े मामले में 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई, जिसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आरोपी हैं. एजेंसी ने दावा किया कि सिसोदिया सहित तीन दर्जन से अधिक वीआईपी ने डिजिटल सबूतों को नष्ट करने के लिए कथित तौर पर 140 मोबाइल फोन बदले. मामले में एजेंसी और सीबीआई द्वारा कई बार छापेमारी का शिकार हुए सिसोदिया ने किसी भी गलत काम से इनकार किया और कहा है कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. उनका कहना है कि छापेमारी में उनके खिलाफ कुछ नहीं मिला है.

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिसोदिया का समर्थन करते हुए कहा है कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार अगले महीने गुजरात में होने वाले चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं को निशाना बना रही है. जांड एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रवर्तन निदेशालय ने शराब बिक्री नीति से जुड़े एक मामले में गुरुवार को दो निजी कंपनियों के दो अधिकारियों को गिरफ्तार करने के बाद यह दावा किया है. 

गिरफ्तार किए गए दो लोगों में शराब कंपनी पेरनोड रिकार्ड के महाप्रबंधक बिनॉय बाबू और अरबिंदो फार्मा के पूर्णकालिक निदेशक एवं प्रवर्तक पी शरत चंद्र रेड्डी शामिल हैं. आधी रात के कुछ देर बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया.अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने बाद में उन्हें दिल्ली की एक विशेष अदालत में पेश किया और उन्हें प्रवर्तन निदेशालय की सात दिन की हिरासत में भेज दिया गया.अरबिंदो फार्मा लिमिटेड ने शेयर बाजार को भेजे एक नोट में कहा कि रेड्डी किसी भी तरह से कंपनी या उसकी सहायक कंपनियों के परिचालन से जुड़े नहीं हैं. इन दोनों के अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने शराब बनाने वाली कंपनी इंडोस्पिरिट के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू को सितंबर में गिरफ्तार किया था.

एजेंसी ने अदालत को बताया कि रेड्डी ने रिश्वत के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये एकत्र किए जो राजनीतिक नेताओं और अधिकारियों को दिए गए थे. अधिकारियों ने आरोप लगाया कि गिरफ्तार किए गए दोनों अधिकारी पूछताछ के दौरान टालमटोल कर रहे थे. एजेंसी ने यह भी दावा किया कि उसने यह भी पाया कि खुदरा शराब कारोबार में 200 करोड़ रुपये का निवेश एक इकाई द्वारा नीतिगत निर्देशों का उल्लंघन करके किया गया था.

बचा दें कि प्रवर्तन निदेशालय का मनी लॉन्ड्रिंग मामला सीबीआई की प्राथमिकी से उपजा है, जिसमें मनीष सिसोदिया सहित अन्य को आरोपी बनाया गया था. दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद आबकारी योजना जांच के दायरे में आई थी.  इस मामले में उपराज्यपाल ने 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया था. ईडी ने इस मामले में आप विधायक दुर्गेश पाठक और मनी लॉन्ड्रिंग के एक अन्य मामले में जेल में बंद मंत्री सत्येंद्र जैन से पूछताछ की है. सीबीआई ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. 

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