उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया (RKS Bhadauria) ने भारतीय वायुसेना के प्रमुख का पद आज संभाल लिया है. उन्होंने एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा की जगह ली है. वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा 30 सितंबर यानी आज रिटायर हो गए हैं. पहले इसी दिन एयर मार्शल भदौरिया भी रिटायर हो रहे थे, लेकिन सरकार ने उनके रिटायरमेंट को नजरअंदाज कर वायुसेना प्रमुख बनाने का फैसला किया. अहम बात यह है कि थल सेना और नौसेना की तरह वायुसेना में सरकार ने किसी सीनियर के रहते जूनियर को चीफ बनाने का ऐलान नहीं किया है, बल्कि एयरचीफ धनोवा के बाद भदौरिया ही वायुसेना में सीनियरमोस्ट हैं. लेकिन मोदी सरकार के कई फैसले अब तक ऐसे रहे हैं जिनके बारे में पहले से कोई अंदाजा नहीं रहता है. फिलहाल एयर मार्शल भदौरिया अब दो साल तक दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना के प्रमुख बने रहेंगे.
(राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने वायुसेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल ली है)
नेशनल डिफेंस अकादमी में अपने बैच के टॉपर रहे एयर मार्शल भदौरिया 1980 से लड़ाकू विमान के पायलट के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की. अपने 39 साल के करियर में उन्हें 28 तरह के विमान उड़ाने का अनुभव है. भदौरिया को परम विशष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और वायुसेना मेडल जैसे कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है.
वायुसेना के बेहतरीन पायलट में शुमार एयर मार्शल भदौरिया टेस्ट पायलट भी रहे हैं. उन्हें 4250 घंटे उड़ान का अनुभव भी है. फ्रांस से जब 36 राफेल खरीदने का फैसला लिया गया तो उस वक्त वे कोस्ट नेगोशिएशन कमेटी के प्रमुख थे और इस डील में उनकी प्रमुख भूमिका रही है. हाल ही में जब जुलाई महीने में फ्रांस में भारत और फ्रांस के वायुसेना के बीच युद्धाभ्यास हुआ था तब उन्होंने फ्रांस में राफेल विमान भी उड़ाया था. राफेल विमान उड़ाने के बाद एयर मार्शल भदौरिया ने कहा था कि ये दुनिया का बेहतरीन लड़ाकू विमान है. इसके आने से भारत चीन और पाकिस्तान दोनों से मुकाबला कर पाएगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं