चीन में सांस की बीमारी के बढ़ते मामलों के बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा है कि सर्दियों में वायरल संक्रमण आम है और अभी तक कोविड जैसी किसी अन्य महामारी की कोई संभावना नहीं है. हाल के सप्ताहों में उत्तरी चीन में बच्चों में सांस की बीमारी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है.
एम्स के मदर एंड चाइल्ड ब्लॉक विभाग के प्रमुख डॉ. एसके काबरा ने एएनआई को बताया, "अब चीन से आ रही रिपोर्टों से पता चलता है कि अक्टूबर और नवंबर के बीच श्वसन संक्रमण में अचानक वृद्धि हुई है और उन्होंने देखा है कि ये बच्चों में अधिक आम है. माइकोप्लाज्मा देखा गया है. उन्होंने कोई नया या असामान्य वायरस नहीं देखा है. अभी तक कोई संकेत नहीं है कि ये एक नया जीव है और ये कहना मुश्किल है कि क्या ये कोविड जैसी महामारी का कारण बन सकता है. ऐसी संभावना अभी नहीं है."
उन्होंने आगे कहा कि चीन से आ रही रिपोर्ट्स में सर्दी के मौसम में आम वायरस देखे गए हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि चीन में लगाए गए सख्त लॉकडाउन के कारण सांस की बीमारी के मामले बढ़ सकते हैं.
उन्होंने कहा, "देखिए, चीन में लॉकडाउन बहुत सख्त था. इसे पिछले साल दिसंबर में हटा लिया गया था और तब से, यह वहां पहली सर्दी है. जहां तक हम बच्चों में संक्रमण के बारे में जानते हैं, 5 साल से कम उम्र के हर बच्चे को यह वायरल होता है साल में 3-8 बार संक्रमण होता है और प्रत्येक संक्रमण के साथ, वह इसके प्रति प्रतिरक्षित हो जाता है."
उन्होंने दावा किया, "ऐसी परिकल्पना है कि लॉकडाउन के दौरान जिन बच्चों को 2-3 साल में यह संक्रमण नहीं हुआ, उनमें अब यह संक्रमण हो जाएगा. अगर एक बच्चे को हो गया तो 10 और बच्चों को संक्रमित कर देगा, जिससे मामले अचानक बढ़ जाएंगे." उन्होंने लोगों से स्वच्छता अपनाने और सैनिटाइजर का उपयोग करने का आग्रह किया.
डॉक्टर ने कहा, "अगर किसी बच्चे को संक्रमण है, तो उसे ठीक होने तक बाहर न भेजें. आम तौर पर, इन्फ्लूएंजा एक सप्ताह तक रहता है. कोई भी मास्क का उपयोग कर सकता है और सामाजिक दूरी का पालन कर सकता है. सभी को स्वच्छता का भी ध्यान रखना चाहिए और सैनिटाइज़र का उपयोग करना चाहिए. वह चरण जो चीन अभी इसका सामना कर रहा है, हम पिछले साल ही इसका सामना कर चुके हैं, इसलिए कोई समस्या नहीं है."
उन्होंने कहा कि हम अब इस बारे में पहले से अधिक जानकार हैं कि किसी महामारी का प्रबंधन कैसे किया जाता है. मंत्रालय ने डॉक्टरों से कहा है कि अगर ऐसे मामले आ रहे हैं तो वे इसकी जांच करें. अगर कोई असामान्यता दिखे तो उन्हें सूचित करें, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं