सुप्रीम कोर्ट ने जिग्नेश शाह की ला फिन फाइनेंशियल सर्विसेज के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही की अनुमति देने से इनकार किया है. जिग्नेश शाह ने एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. NCLT ने ला-फिन फाइनेंशियल सर्विसेज के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही की अनुमति दी थी.
मई 2017 में ILFS फाइनेंशियल सर्विसेज ने NCLT में ला-फिन के खिलाफ इनसॉल्वेंसी की कार्यवाही के लिए अर्जी दी थी. ILFS फाइनेंशियल सर्विसेज ने ला-फिन द्वारा 266 करोड़ के भुगतान में डिफ़ॉल्ट का दावा किया था. अगस्त 2018 में, एनसीएलटी मुंबई ने दिवालिया कार्यवाही को ला-फिन के खिलाफ शुरू करने की अनुमति दी.
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इसके बाद जिग्नेश शाह ने एनसीएलटी के आदेश को चुनौती दी. एनसीएलएटी ने कहा कि आईएलएफएस द्वारा ला-फिन को पैसा दिया गया था, यह माना गया कि यह वित्तीय ऋण की प्रकृति में था. जनवरी 2019 में एनसीएलएटी ने माना कि ऋण और डिफ़ॉल्ट है, ला-फिन के खिलाफ दिवालिया होने की अनुमति दी जाती है.
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