फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के प्रवर्तक जिग्नेश शाह तथा एमसीएक्स के पूर्व प्रमुख श्रीकांत जावलगेकर को 5,600 करोड़ रुपये के नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लि. (एनएसईएल) घोटाला मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार कर लिया गया। एफआईआर दर्ज होने के सात महीने बाद यह गिरफ्तारी हुई है।
मुंबई पुलिस के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के प्रमुख राजवर्धन सिन्हा ने कहा, फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज के प्रमुख जिग्नेश शाह तथा एमसीएक्स के पूर्व प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यकारी श्रीकांत जावालगेकर को एनएसईएल घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों एनएसईएल के निदेशक मंडल तथा स्पाट एक्सचेंज की आडिट समिति के सदस्य भी थे। सिन्हा ने कहा कि दोनों को गुरुवार को अदालत में पेश किया जाएगा। मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या अब 11 हो गई है। एनएसईएल के मुख्य कार्यकारी अंजनी सिन्हा को पिछले साल 17 अक्तूबर को गिरफ्तार किया गया था।
पिछले साल से भुगतान संकट का सामना कर रही एनएसईएल के करीब 18,000 निवेशकों को पिछले साल जुलाई में करोड़ों रुपये का कथित नुकसान हुआ।
शाह जनवरी, 2001 से फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक रहे और अब वह बतौर समूह मुख्य कार्यकारी हैं। उन्होंने फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज में मुख्य कारोबारी रणनीतिक के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी हैं।
एनएसईएल संकट सामने आने के बाद से एफटीआईएल समूह, शाह और उनके करीबी जोसफ मैसी पर नियामकीय की कड़ी नजर है और सेबी व एफएमसी दोनों ने ही आदेश जारी कर शाह और मैसी को देश में कोई भी एक्सचेंज चलाने के अयोग्य और अनुपयुक्त घोषित किया है। शाह समूह द्वारा प्रवर्तित एमसीएक्स स्टाक एक्सचेंज के मुख्य कार्यकारी थे। नियामकों के मुताबिक, एक्सचेज में शाह की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी अगले 90 दिनों में घटाकर दो प्रतिशत और तीन साल में इसे घटाकर शून्य पर लाया जाना है।
शाह फाइनेंशियल टेक्नोलाजीज समूह के संस्थापक चेयरमैन व मुख्य कार्यकारी होने के अलावा एमसीएक्स के भी संस्थापक हैं। शाह ने अपने दम पर अपना उद्यम खड़ा किया है।
वह बंबई शेयर बाजार (बीएसई) में ट्रेडिंग प्रणाली के ऑटोमेशन के काम में सक्रिय रूप से शामिल थे। बीएसई की बैक, ऑफिस प्रणालियों के विभिन्न मॉड्यूल को डिजाइन करने व उन्हें क्रियान्वित करने में भी उनकी भूमिका रही है।