सोमवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में शहीद हवलदार रतन लाल की मौत मामले में नया मोड़ आया है. मंगलवार को हुए पोस्टमार्टम में इस बात की पुष्टि हुई है कि हवलदार की मौत पत्थरबाजी में लगी चोट से नहीं हुई थी बल्कि उनकी मौत गोली लगने से हुई थी. सोमवार को उनकी मौत के बाद ऐसी खबरें आयी थीं कि रतन लाल की मौत पत्थरबाजी में लगी चोट से हुई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार गोली रतन लाल के बाएं कंधे से प्रवेश कर के दाहिने कंधे तक पहुंच गयी थी. बता दें कि दिल्ली (Delhi CAA Clash) में सोमवार को भड़की हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी. जिनमें एक पुलिस का हवलदार रतन लाल भी शामिल थे.
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सोमवार को भजनपुरा, करावल नगर, बाबरपुर, मौजपुर, गोकुलपुरी और चांदबाग इलाके में दो गुटों में जमकर हिंसा हुई थी. एक ओर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोधी थे और एक ओर इसके समर्थक थे. दोनों ओर से जमकर पथराव हुआ था, गोलीबारी हुई थी और पेट्रोल बम भी फेंके गए थे. दर्जनों गाड़ियों, पेट्रोल पंप और कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया था.
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हिंसा में मारे गए रतन लाल दिल्ली के बुराड़ी गांव की अमृत विहार कॉलोनी के रहने वाले थे. रतन लाल के छोटे भाई दिनेश ने बताया, "रतन लाल गोकुलपुरी के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) के रीडर थे. उनका तो थाने-चौकी की पुलिस से कोई लेना-देना ही नहीं था. वो तो एसीपी साहब मौके पर गए, तो सम्मान में रतन लाल भी उनके साथ चला गया. भीड़ ने उसे घेर लिया और मार डाला.
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