शिवसेना के कद्दावर नेता रामदास कदम ने शिवसेना में करीब 52 साल तक काम करने के बाद आखिरकार 18 जुलाई को शिवसेना से इस्तीफा दे दिया है. रामदास ने जैसे ही अपने पद से इस्तीफा दिया, उसके बाद तुरंत उद्धव ठाकरे ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया. रामदास कदम ने मीडिया से बात करते हुए अपनी सफाई दी है कि उन्होंने शिवसेना नहीं छोड़ी है सिर्फ पद से इस्तीफा दिया है. रामदास के मुताबिक- उन्हें उम्मीद थी कि शायद इस्तीफा देने के बाद उद्धव ठाकरे उनसे बात करेंगे, इस विषय को लेकर चर्चा करेंगे, लेकिन उद्धव ठाकरे की तरफ से कोई पहल नहीं की गई. इससे वह बहुत दुखी हुए.
एनसीपी कर रही शिवसेना को खत्म करने की कोशिश
रामदास कदम ने दावा किया कि उन्होंने कई बार उद्धव ठाकरे को बताया था कि एनसीपी शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रही है. इस दौरान उन्होंने शरद पवार का भी नाम लेते हुए कहा कि शरद पवार ने शिवसेना को खत्म करने का संकल्प लिया है.
शिवसेना के ही विधायकों को नहीं मिलती थी विकास निधि
रामदास कदम ने बताया कि उनका बेटा योगेश कदम विधायक है, लेकिन अजीत पवार शिवसेना के विधायकों को विकास निधि नहीं देते थे जबकि एनसीपी के पूर्व विधायक को 10 करोड़ का हाल ही में फंड दिया गया. योगेश कदम एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हैं.
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शिवसेना हम हैं और आगे भी रहेंगे
रामदास कदम ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि शिवसेना हम हैं और आगे भी रहेंगे. भगवा हमारा खून है, भगवा को हम कभी नहीं छोड़ेंगे. रामदास कदम का कहना है कि आने वाले समय में जैसे ही महाराष्ट्र राजनीतिक सियासी समीकरण न्यायालय से छूटता है, उसके बाद वे तुरंत पूरी कोशिश के साथ एक बार फिर से शिवसेना और एकनाथ शिंदे गुट को मिलाने और मातोश्री ले जाने का प्रयास करेंगे, लेकिन ये तभी संभव होगा जब उद्धव ठाकरे एनसीपी को बाहर का रास्ता दिखाएं. इस पूरे मामले में रामदास कदम ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि जब तक एनसीपी साथ रहेगी तब तक ऐसे ही तमाम सांसद विधायक नेता पार्टी को छोड़कर जाते रहेंगे.
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