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This Article is From Jun 09, 2022

राज्यसभा चुनाव: सिद्धरमैया ने कांग्रेस उम्मीदवार के लिए मांगा जद (एस) विधायकों का समर्थन

कर्नाटक (Karnataka) की चार राज्यसभा सीट (Rajyasabha Seat) पर होने वाले चुनाव से एक दिन पहले गुरुवार को कांग्रेस (Congress) विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने जद (एस) के विधायकों को खुला पत्र लिखकर उनसे अपनी पार्टी के दूसरे उम्मीदवार मंसूर अली खान के समर्थन में मतदान करने का अनुरोध किया.

राज्यसभा चुनाव: सिद्धरमैया ने कांग्रेस उम्मीदवार के लिए मांगा जद (एस) विधायकों का समर्थन
कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को मतदान होगा और शाम पांच बजे मतगणना होगी.
बेंगलुरु:

कर्नाटक (Karnataka) की चार राज्यसभा सीट (Rajyasabha Seat) पर होने वाले चुनाव से एक दिन पहले गुरुवार को कांग्रेस (Congress) विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने जद (एस) के विधायकों को खुला पत्र लिखकर उनसे अपनी पार्टी के दूसरे उम्मीदवार मंसूर अली खान के समर्थन में मतदान करने का अनुरोध किया. कहा कि खान की जीत ''धर्मनिरपेक्ष विचारधारा'' की जीत होगी, जिसका दोनों दल अनुसरण करते हैं. जद (एस) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने अपनी पार्टी के विधायकों को पत्र लिखने पर सिद्धरमैया पर निशाना साधा.

कुमारस्वामी ने कहा, ''अगर उन्होंने नामांकन दाखिल करने से पहले हमारी पार्टी के नेताओं के साथ इस पर चर्चा की होती तो ऐसी जटिलताएं पैदा नहीं होतीं ... उन्होंने अल्पसंख्यक उम्मीदवारों के समर्थन के बारे में लिखा है, तो कांग्रेस ने जयराम रमेश के बजाय मंसूर अली खान को अपना पहला उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया.'' दिलचस्प बात है कि सिद्धरमैया ने पत्र में जद(एस) को ''धर्मनिरपेक्ष दल'' कहा, जिसे वह पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कई बार ''भाजपा की बी टीम'' कह चुके हैं. साल 2005 में सिद्धरमैया को जद(एस) से निष्कासित कर दिया गया था.

कुमारस्वामी ने गुरुवार को कांग्रेस से “धर्मनिरपेक्ष ताकतों” को मजबूत करने के लिए अपनी पार्टी के उम्मीदवार डी कुपेंद्र रेड्डी का समर्थन करने का आग्रह किया, जिसके बाद कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया ने जद(एस) विधायकों से अपील की. सिद्धरमैया ने कहा, ''आगामी राज्यसभा चुनाव धर्मनिरपेक्षता के लिए जीवन और मृत्यु का सवाल है. एक तरफ जहां कांग्रेस और जद (एस) हैं, तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा है जो सांप्रदायिकता का सहारा लेती है. हमारे दूसरे उम्मीदवार मंसूर अली खान की जीत और हार को न केवल अल्पसंख्यक, बल्कि धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले सभी लोग उत्सुकता से देख रहे हैं.''

उन्होंने कहा कि खान की जीत किसी एक पार्टी की जीत नहीं होगी, बल्कि यह ''धर्मनिरपेक्ष विचारधारा'' की जीत होगी, जिस पर कांग्रेस और जद (एस) दोनों विश्वास करते हैं.राज्यसभा चुनाव में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 45 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी, और विधानसभा में अपनी-अपनी संख्या के आधार पर, भाजपा दो तथा कांग्रेस एक सीट जीत सकती है. चौथी सीट के लिए मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद है. दो सीट पर जीत हासिल करने की सूरत में भाजपा के पास 32 वोट बचेंगे. वहीं, एक सीट जीतने की स्थिति में कांग्रेस के पास 24 वोट बचेंगे. वहीं जद (एस) के पास केवल 32 विधायकों का समर्थन है. लिहाजा चौथी सीट के लिए किसी भी पार्टी के पास जरूरी समर्थन नहीं है. कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को मतदान होगा और शाम पांच बजे मतगणना होगी.


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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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