
- मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी 2025 के लिए दस दिन पहले से मंदिरों की सजावट जारी है
- ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने 15 से 17 अगस्त तक तीन दिवसीय श्री कृष्णोत्सव महोत्सव का आयोजन किया है
- इस बार जन्माष्टमी पर मथुरा-वृंदावन में लगभग पचास लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है
रंगीन झंडों और मंदिरों पर चमकते फूलों के बीच मथुरा–वृंदावन ने अपनी रौशनी से पूरे ब्रज को रोशन कर दिया है. जन्माष्टमी 2025, जो कि 16 अगस्त, शनिवार को मनाई जाएगी, इन पावन स्थलों पर पहले से ही आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्साह की लहरें उठ रही हैं. दस दिन पहले से शुरू हो चुकीं तैयारियों में मंदिरों के प्राचीरों पर रोशनी और फूलों की सजावट से लेकर रासलीला, भजन–कीर्तन और धार्मिक प्रवचनों का आयोजन हो रहा है.
ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने ‘श्री कृष्णोत्सव' के तहत 15 से 17 अगस्त तक तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया है, जिसमें भक्तिमय रसभरित झांकियां, पारंपरिक नृत्य और संगीत की धूम रहेगी.
लाखों लोगों के पहुंचने की उम्मीद
- इस बार मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी पर 50 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. जो पिछले वर्ष के 42 लाख की तुलना में बहुत अधिक है. ऐसे में प्रशासन ने विशेष सावधानी बरती है:
- 150 से अधिक CCTV कैमरे और AI-सक्षम ड्रोन कैमरों की तैनाती की गई है.
- भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है, प्रमुख मंदिरों और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था जमीनी स्तर तक तेज की गई है
- श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए योजनाएं बनाई गई हैं जैसे, मंदिरों को सेक्टर और ज़ोन में बांटा गया है, होल्डिंग क्षेत्र का निर्माण किया गया है, और सीसीटीवी व कॉल सेंटर द्वारा रीयल टाइम निगरानी की जा रही है.
ट्रैफ़िक एडवाइजरी: बाहर से आने वालों के लिए प्रशासन अर्लट
भारी जाम और भारी भीड़ को पूरा ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने ट्रैफ़िक एडवाइजरी जारी की है. बाहर के वाहनों के लिए प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है. खासकर मंदिरों के आसपास के क्षेत्रों में. साथ ही, यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे ट्रेन शेड्यूल पहले से जांचें, क्योंकि विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की गई है. दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, जयपुर, आगरा जैसे शहरों से जन्माष्टमी के अवसर पर यात्रियों की सुविधा हेतु ट्रेनें चल रही हैं
मंगला आरती: साल में सिर्फ एक बार होता है आयोजन
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के दिन एक बहुत ही दिव्य रूहानी आयोजन होता है “मंगला आरती”, जो पूरे वर्ष में केवल एक बार होती है, और वह भी जन्माष्टमी की रात सुबह 3 बजे होती है. केवल 500 श्रद्धालुओं को आरती में शामिल होने की अनुमति होती है.
होमिंग एरिया बनाए गए हैं मंदिर से प्रेम मंदिर तक, ताकि श्रद्धालु व्यवस्थित रूप से प्रवेश कर सकें और बाहर निकल सकें, जिससे जाम और भीड़ को परेशानी कम से कम हो.
जन्माष्टमी 2025 मथुरा–वृंदावन में केवल धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि सुरक्षा और आयोजन का एक आदर्श उदाहरण बनने जा रहा है. दस दिनों से चल रही सांस्कृतिक तैयारियाँ, 5 मिलियन से अधिक भक्तों की उम्मीद, और AI व CCTV से लैस आधुनिक सुरक्षा प्रबंधन इसे अद्धितीय बना रहे हैं. ट्रैफ़िक एडवाइजरी और खास ट्रेन सेवा श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रख रही है.
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