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VIDEO: दीवार फांदकर एग्जाम सेंटर पहुंची फ्लाइंग स्क्वॉड, अंदर नकल का नजारा देख पकड़ लिया सिर

फ्लाइंग स्क्वॉड के सदस्य दीवारों को फांदकर कक्षाओं में पहुंचे तो उन्होंने पाया कि शिक्षक ब्लैकबोर्ड पर परीक्षा के उत्तर लिख रहे थे.

नई दिल्ली:

देश की तमाम राज्य सरकारों की तरफ से समय-समय पर परीक्षा में नकल को रोकने के लिए दावे किए जाते रहे हैं. हालांकि कई ऐसे वीडियो सामने आते हैं जिससे व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगते हैं. हालांकि राजस्थान शिक्षा विभाग के फ्लाइंग स्क्वॉड ने ओपन स्कूल परीक्षाओं के दौरान ऐसे नकल की घटना को पकड़ा कि अधिकारी भी हैरत में पड़ गए.  राजस्थान शिक्षा विभाग के फ्लाइंग स्क्वॉड ने कक्षा 10 वीं और 12 वीं के लिए राजस्थान राज्य ओपन स्कूल (Rajasthan State Open School) परीक्षाओं के दौरान व्यापक नकल अभियान का पर्दाफाश किया.  यह घटना देचू के कोलू गांव के एक सरकारी मिडिल स्कूल में हुई, जहां शिक्षकों को छात्रों की मदद करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया. 

राज्य की सभी परीक्षा केंद्रों में अचानक जांच करने वाला फ्लाइंग स्क्वॉड जब स्कूल पहुंचा तो उसने पाया कि स्कूल के गेट पर संदिग्ध रूप से ताला लगा हुआ था. टीम के सदस्य जब दीवार फांद कर स्कूल के अंदर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि शिक्षक ब्लैकबोर्ड पर परीक्षा के उत्तर लिख रहे थे. पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया. 

फ्लाइंग स्क्वॉड की प्रमुख निशि जैन ने बताया कैसे मिली थी जानकारी? 
फ्लाइंग स्क्वॉड का नेतृत्व करने वाली निशि जैन ने बताया कि हमें इस स्कूल में संगठित नकल के बारे में सूचना मिली थी. जब हम जांच करने आए, तो हमने पाया कि स्कूल के गेट बंद थे और हमें दीवारों को कूदने के लिए मजबूर होना पड़ा.  हमने पाया कि शिक्षक बड़े पैमाने पर नकल का आयोजन कर रहे थे, जिसमें छात्रों को नकल करने के लिए ब्लैकबोर्ड पर उत्तर लिखे गए थे. 

फ्लाइंग स्क्वॉड ने उस परीक्षा केंद्र को लेकर कई तरह के सबूत पेश किये हैं जिनमें पैसों के लेनदेन की बात भी सामने आयी है. जैन ने कहा, "हमें छात्रों के पास काफी मात्रा में नकदी मिली. उन्होंने बताया कि, "एक छात्र के पास ₹2,100 थे, जबकि दूसरे ने अनुचित सहायता के लिए शिक्षकों को ₹2,000 की पेशकश करने की बात कबूल की है. 

शिक्षक दूसरे के बदले देते थे परीक्षा
इस मामले की जांच में कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो परेशान करने वाले हैं. जैन ने कहा, "विज्ञान स्ट्रीम के दो शिक्षक, जिनकी पहचान अनसूया और कोमल वर्मा के रूप में की गई है, न केवल नकल की सुविधा छात्रों को उपलब्ध करवाते थें बल्कि डमी कैंडिडेट के रूप में वो एग्जाम भी देते थे. 

राजस्थान शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के खिलाफ दर्ज करवाया केस
मामले की जानकारी मिलते ही स्थानीय अधिकारियों को तुरंत सतर्क कर दिया गया और एक पुलिस दल को घटनास्थल पर भेजा गया. अफरा-तफरी के बीच, दो संदिग्ध डमी उम्मीदवार पकड़ से बचने में कामयाब रहे. 

राजस्थान शिक्षा विभाग ने इस घोटाले पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रिंसिपल राजेंद्र सिंह चौहान समेत 10 शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. फलोदी के खंड शिक्षा अधिकारी किशोर बोहरा ने कहा, "तत्काल कार्रवाई की गई है." "छह तृतीय श्रेणी शिक्षकों और एक लाइब्रेरियन को निलंबित कर दिया गया है, और प्रिंसिपल और अनुपस्थित पर्यवेक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी"

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