
- तेलंगाना के कामारेड्डी और मेडक जिलों में इतनी मूसलाधार बारिश हुई कि 50 साल का रिकॉर्ड टूट गया.
- राहत-बचाव कार्यों में NDRF की 5 व SDRF की 15 टीमें और सेना के 100 जवान जुटे हुए हैं.
- 1500 से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा चुका है, जिनमें 430 से ज़्यादा छात्र हैं.
बारिश इस बार उत्तर भारत में ही नहीं, दक्षिण में भी भारी तबाही मचा रही है. तेलंगाना के कामारेड्डी और मेडक जिलों में इतनी मूसलाधार बारिश हुई कि 50 साल का रिकॉर्ड टूट गया. कम से कम 5 लोगों की मौत की खबर है और 6 लापता हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अलावा सेना के जवानों को तैनात किया गया है. 1500 से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा चुका है.
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बाढ़ प्रभावित पेद्दापल्ली, कामारेड्डी और मेडक जैसे इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करके हालात का जायजा लिया. बाढ़ से सबसे ज़्यादा प्रभावित कामारेड्डी है. यहां के राजमपेट मंडल के अरगोंडा स्टेशन पर 24 घंटों में 44 सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई. राज्य में 23 जगहों पर 20 सेंटीमीटर से ज़्यादा बारिश हुई है, जिसमें कामारेड्डी में 10 और मेडक में 6 जगहें शामिल हैं.
हालात से निपटने के लिए SDRF की 15 और NDRF की 5 टीमें तैनात की गई हैं. इसके अलावा सेना की हैदराबाद TASA यूनिट के लगभग 100 जवान मेडक जिले में बचाव और राहत कार्यों में जुटे हुए हैं. अब तक 500 से ज़्यादा लोगों को बचाया जा चुका है.
कामारेड्डी और मेडक दोनों जिलों में बुनियादी ढांचे और संपत्ति को व्यापक नुकसान पहुंचा है. कामारेड्डी जिले के छह मंडल- कामारेड्डी, बीबीपेट, राजमपेट, निजामसागर, येल्लारेड्डी और मचारेड्डी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. निज़ाम सागर और पोचारम बांध के नजदीकी गांवों से लोगों को निकाला जा रहा है.
भिकनूर मंडल के रामेश्वरपल्ली में रेल पटरी धंस जाने से ट्रेन सेवाएं बाधित हो गईं. अक्कनपेट और रामायमपेट के बीच रेलवे लाइन क्षतिग्रस्त होने के बाद ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है.
कामारेड्डी शहर में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, जीआर कॉलोनी और टीचर्स कॉलोनी जैसे आवासीय क्षेत्र बहुत प्रभावित हुए हैं. विभिन्न कॉलेजों और होस्टल में फंसे 430 से ज़्यादा छात्रों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. 50 से ज़्यादा परिवारों को राहत केंद्रों में शिफ्ट किया गया है.
भारी बारिश से राष्ट्रीय राजमार्ग (NH44) तीन जगहों पर धंस गया. हैदराबाद से आदिलाबाद जाने वाले भारी वाहनों को मेडचल, सिद्दीपेट और करीमनगर के रास्ते भेजा जा रहा है. फसलों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है,
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