डायरेक्टरेट ऑफ एनफोर्समेंट की जयपुर जोनल टीम ने 2 दिसंबर 2025 को राजस्थान के चित्तौड़गढ़, उदयपुर और सालूम्बर जिलों में बड़ी कार्रवाई करते हुए कई ठिकानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत ‘जोगनिया ऑनलाइन बेटिंग ऐप केस' में की गई.
ईडी ने यह जांच राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज कई FIR के आधार पर शुरू की. इनमें आरोप था कि बालमुकुंद इनानी और उसके साथी “जोगनिया ऑनलाइन बुक/ऐप” के नाम से अवैध ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी का बड़ा रैकेट चला रहे थे. ये लोग क्रिकेट, फुटबॉल, ऑनलाइन कैसिनो और कई तरह के चांस गेम्स पर सट्टा लगवाते थे। लोगों से पैसा कैश में या ऑनलाइन मोड से वसूला जाता था.
टीम के अनुसार, आरोपी लोगों को “बड़ी जीत” का लालच देकर प्लेटफॉर्म पर जोड़ते थे. खास तौर पर दिहाड़ी मजदूरों और कम आय वाले युवाओं को टारगेट किया जाता था. शिकायतों में आरोप है कि इस रैकेट ने सैकड़ों करोड़ रुपये की ठगी की है.
ईडी की छापेमारी में खुलासा हुआ कि बालमुकुंद इनानी सैकड़ों ‘म्यूल बैंक अकाउंट्स' के जरिए पूरे रैकेट को चला रहा था. मध्यस्थों को कमीशन देकर फर्जी या दूसरों के नाम पर बैंक खाते खुलवाए जाते थे. खिलाड़ियों से लिया गया पैसा इन्हीं खातों में डाला जाता था ताकि ट्रांज़ैक्शन का पता न चले. इन अकाउंट्स के जरिए अवैध कमाई को घुमाकर सिस्टम में मिलाया जाता था.
जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी दुबई में बैठकर पूरे नेटवर्क को कंट्रोल कर रहा था. ईडी को सबूत मिले हैं कि उसने हवाला के जरिए अवैध कमाई को दुबई भेजा और वहां रियल एस्टेट में निवेश किया.
उसके और उसके परिवार के नाम पर दुबई में कई प्रॉपर्टी होने के सबूत मिले हैं.
छापेमारी में क्या-क्या हुआ जब्त
- 13 लाख रुपये नकद
- एक लग्जरी कार (जगुआर F-Pace)
- 47.66 लाख रुपये बैंक खातों में फ्रीज
- 12.80 लाख रुपये DEMAT अकाउंट में फ्रीज
- सैकड़ों म्यूल अकाउंट्स की डिटेल्स
- कई मोबाइल फोन और दस्तावेज जब्त किए
- ईडी अब seized मोबाइल डेटा, दस्तावेज़ों और बैंक ट्रांज़ैक्शंस की गहन जांच कर रही है।
- एजेंसी का कहना है कि मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं
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