- राहुल गांधी के इंडियन स्टेट से जुड़े बयान के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है
- संभल की चंदौसी कोर्ट ने नवंबर 2025 में राहुल गांधी के खिलाफ निगरानी याचिका को निरस्त कर दिया था
- सिमरन गुप्ता ने राहुल गांधी के बयान को संज्ञेय अपराध बताते हुए एमपी/एमएलए कोर्ट के आदेश को भी चुनौती दी थी
लोकसभा में विपक्ष के नेता व रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा 'इंडियन स्टेट' से जुड़े बयान का मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है. नवंबर में संभल की चंदौसी कोर्ट द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ निगरानी याचिका खारिज होने के बाद भले ही राहुल गांधी को राहत मिल गई हो, लेकिन अब निगरानीकर्ता ने संभल स्थित चंदौसी कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. ये याचिका MATTERS UNDER ARTICLE 227 (A227) में दाखिल की गई है. याचिका पर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. याची सिमरन गुप्ता ने संभल स्थित चंदौसी कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका में राज्य सरकार और सांसद राहुल गांधी को प्रतिवादी बनाया है. जस्टिस विनोद दिवाकर की सिंगल बेंच मामले में सुनवाई करेगी.
क्या है मामला
बता दें कि सात नवंबर 2025 को संभल स्थित चंदौसी की अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश आरती फौजदार ने 'इंडियन स्टेट' से जुड़े बयान मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ दाखिल निगरानी याचिका को बलहीन होने के कारण निरस्त कर दिया था. दरअसल, संभल के बहजोई के रहने वाले सिमरन गुप्ता नाम के शख्स ने एमपी/एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज द्वारा 10 फरवरी 2025 के आदेश को चुनौती देते हुए संभल स्थित चंदौसी कोर्ट में निगरानी याचिका दाखिल की थी. निगरानीकर्ता सिमरन गुप्ता ने अपने याचिका में कहा था कि एमपी/एमएलए कोर्ट ने अपना आदेश पारित करते समय न्यायिक विवेक का प्रयोग नहीं किया था. निगरानीकर्ता/याची सिमरन गुप्ता ने 15 जनवरी 2025 को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान "Our fight is with RSS, BJP as well as Indian State" के खिलाफ पहले एमपी/एमएलए कोर्ट में 23 जनवरी 2025 को में एक वाद दायर कराया था.
लेकिन 10 फरवरी 2025 को वाद खारिज होने के बाद सिमरन गुप्ता ने अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश चंदौसी में फिर निगरानी याचिका दाखिल की. याची सिमरन गुप्ता ने याचिका में कहा गया कि राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान उन्होंने अपने संभल स्थित बहजोई में आवास में टीवी पर सुना जो कि एक संज्ञेय अपराध और एमपी/एमएलए कोर्ट के क्षेत्राधिकार में आता है, लेकिन कोर्ट ने विचार न करके वैधानिक भूल की है.
निगरानीकर्ता सिमरन गुप्ता ने एमपी/एमएलए कोर्ट को निरस्त करने की मांग को सभी पक्षों की तरफ से अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश चंदौसी की कोर्ट में पक्ष रखा गया. 7 नवंबर 2025 को अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश चंदौसी की कोर्ट ने सिमरन गुप्ता की निगरानी याचिका को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिका बलहीन है. इस फैसले से राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली थी. अब सिमरन गुप्ता ने अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश चंदौसी कोर्ट की तरफ से दिए गए फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की है. इस याचिका पर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता सिमरन गुप्ता संभल में हिंदू शक्ति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं.
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