
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि जाति जनगणना पर सरकार के फैसले के बाद सबसे अधिक तकलीफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हो रही है. धर्मेंद्र प्रधान मंगलवार को एनडीटीवी की ओर से आयोजित एजुकेशन कॉन्क्लेव में सवालों के जवाब दे रहे थे. उनसे पूछा गया था कि क्या नरेंद्र मोदी सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला लेकर अपने विरोधियों को चुप करा दिया है.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "कुछ लोगों के लिए घड़ियाली आंसू बहाना उनकी एक राजनीतिक चतुराई है. उनकी अज्ञानता और अहंकार से यह पता चलता है. मैं सीधा-सीधा कहता हूं कि जाति जनगणना के फैसले से राहुल गांधी को सबसे ज्यादा तकलीफ हुई है. इस देश के पब्लिक डोमेन और सार्वजनिक मानस के विषय में बहुत स्पष्टता के साथ यह बात कही गई है कि सामाजिक न्याय के खिलाफ अगर कोई खानदान सबसे ज्यादा मूखर्ता के साथ खड़ा रहा है तो वो गांधी परिवार है.''
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उन्होंने कहा, "चाहे बाबा साहेब आंबेडकर को चुनाव में हराने की बात हो, संविधान सभा में प्रोएक्टिव एक्शन का विरोध करना हो, मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखना हो, काका कालेलकर कमीशन की रिपोर्ट को लंबे समय तक सार्वजनिक न करना हो, मंडल कमीशन आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक न करना हो या मंडल कमीशन आयोग की रिपोर्ट पारित करते हुए जो डिबेट हुई उसका सबसे ज्यादा विरोध करना हो.'' उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन की रिपोर्ट पर संसद में हुई डिबेट में इसका सबसे ज्यादा विरोध राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी ने ही किया था.
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— NDTV India (@ndtvindia) May 27, 2025
धर्मेंद्र प्रधान ने, " सामंतवादी लोगों को लगता है कि हम ही देश हैं और इस भ्रम को अब देश के लोग चुनावों में हराकर तोड़ रहे हैं, लेकिन सामंतवादी मनोवृत्ति अचानक नहीं जाता है, फिर भी वो मानते हैं कि यह देश मेरी जागीर है, हमारे खानदान की संपत्ति है...उनको जब देश का प्रजातंत्र बेनकाब करता है तो उन्हें ये समझने में परेशानी होती है.''
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