कांग्रेस ने अपने लोकसभा सदस्यों के कामकाज का मूल्यांकन कराने का फैसला किया है. इस बात की जानकारी पार्टी ने अपने सांसदों को इसकी जानकारी गुरुवार को एक बैठक में दी.इस बैठक की अध्यक्षता लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने की. कांग्रेस ने अपने सांसदों से कहा है कि उन्हें अपने क्षेत्र की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा.पार्टी का कहना है कि सांसदों पर बारीक नजर रखी जा रही है.इस आकलन के लिए सरकार ने एक प्रणाली विकसित की है.
कांग्रेस ने अपने सांसदों को क्या करने को कहा है
कांग्रेस ने अपने सांसदों से कहा है कि उन्हें सदन की कार्यवाही में भाग लेना चाहिए, जनता से जुड़े मुद्दों को उठाएं, सरकार के खिलाफ हर मंच पर बोलें और प्रभावी ढंग से अपनी बात रखें. पार्टी ने कहा है कि सांसदों के प्रदर्शन पर नजर रखी जा रही है और अच्छा भाषण देने वालों को भविष्य में और मौके दिए जाएंगे.
राहुल गांधी ने अपने सांसदों से उन भाषणों को लेकर राय मांगी, जो उन्हें अच्छे लगे हों.इस पर कुछ लोगों ने नाम सुझाए. इन नामों को राहुल गांधी ने अपनी लिस्ट के नामों से मिलाया, इनमें वे नाम मेल खाते हुए मिले.इस दौरान पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी, झारखंड के सांसद सुखदेव भगत, मणिपुर के दो सांसदों आर्थर अल्फ्रेड और बिमोल अकोइजाम और पंजाब के सदस्य अमरिंदर सिंह राजा वारिंग के नाम की चर्चा हुई.
कांग्रेस क्यों उठा रही है यह कदम
पार्टी ने अपने सांसदों को लोगों के बीच रहने और उनकी समस्याओं को सदन में उठाने को कहा है.दरअसल कांग्रेस के लोकसभा सांसदों में से अधिकांस पहली बार सांसद बने हैं, इसलिए पार्टी ने उन्हें प्रोत्साहित करना चाहती है.इस तरह की बैठके उनके लिए प्रशिक्षण का भी काम करेंगी. सांसदों को कहा गया है कि वे गलतियों की चिंता न करें और अपनी बात कहना जारी रखें.
कांग्रेस लोकसभा में अपने सभी सांसदों को बोलने का मौका दे रही है. उद्घाटन सत्र के बाद से 80 सांसद सदन की बहस में अपनी बात रख चुके हैं.
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