
- कर्नाटक के हुबली में सरकारी कार्यक्रम के दौरान कुरान के पाठ पर बीजेपी विधायक ने आपत्ति जताई है.
- बीजेपी नेता अरविंद बेलाड ने कार्यक्रम को कांग्रेस का पार्टी शो करार देते हुए इसे कानून का उल्लंघन बताया.
- अधिकारियों पर सरकारी प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं की तरह व्यवहार करने का आरोप लगा है.
कर्नाटक के हुबली में 5 अक्टूबर को आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान कुरान पढ़े जाने पर जमकर बवाल हो रहा है. बीजेपी विधायक ने इस पर आपत्ति जताई है. उन्होंने इसे सरकारी मंच का दरुपयोग करार दिया है. बीजेपी विधायक और विपक्ष के उपनेता अरविंद बेलाड ने इस कार्यक्रम के तरीके की आलोचना की है. उनका आरोप है कि कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों ने इस समारोह को एक पार्टी शो में बदल दिया.
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प्रशासनिक प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन
बीजेपी विधायक बेलाड ने कहा कि सरकारी कार्यक्रम के मंच पर कुरान का पाठ और अधिकारियों का पार्टी कार्यकर्ताओं की तरह व्यवहार प्रशासनिक प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन है. उन्होंने विशेष रूप से एचडीएमसी कमिश्नर रुद्रेश घाली और जिला पंचायत के सीईओ भुवनेश पाटिल का जिक्र करते हुए कहा कि वे सरकारी नियमों को लागू करने के बजाय पार्टी के मेहमानों की तरह कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
Blatant misuse of government platforms by the @INCKarnataka government in Karnataka!
— Arvind Bellad (@BelladArvind) October 8, 2025
In Hubballi, a publicly funded event was hijacked by Congress leaders and officials — turned into a full-fledged party show. Party banners on stage, Quran recitation in a government function,… pic.twitter.com/oz3mtsCBI4
सरकारी कार्यक्रम में हुआ कुरान का पाठ
बता दें कि कर्नाटक सरकार ने इस कार्यक्रम को लाभार्थियों को मुफ्त सिलाई मशीनें वितरित करने और देवर गुड़ीहाल रोड पर विकास कार्यों के शुभारंभ के लिए आयोजित किया था. श्रम और जिला प्रभारी मंत्री संतोष लाड ने विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया था. इस कार्यक्रम के दौरान लगभग 14 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की घोषणा की गई थी. लेकिन कार्यक्रम में कुरान के पाठ की बीजेपी जमकर आलोचना कर रही है.
मुख्य सचिव से जांच की मांग
बीजेपी विधायक ने कहा कि उन्होंने इसे लेकर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जांच की मांग की है. साथ ही अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की भी मांग की है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहाकि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है, तो वह इस मामले को आगामी विधानसभा सत्र में उठाएंगे.
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