अपने गानों में बंदूकों और हिंसा दिखाने वाले विवादास्पद पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत करते हुए आज कांग्रेस का दामन थामा. पंजाब में अगले साल होने जा रहे लोक सभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने उनका स्वागत किया. उम्मीद की जा रही है कि मूसेवाला अपने गृहनगर मानसा से चुनाव लड़ सकते हैं. गौरतलब है कि 28 वर्षीय मूसेवाला पर अपने गानों में बंदूकों और हिंसा को दर्शाने के चलते कई केस दर्ज हैं, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू ने इस मामले पर पूछे गए सवालों को टाल दिया.
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सिद्धू ने पत्रकारों से कहा, "आप उन मुद्दों के बारे में क्यों पूछ रहे हैं जो विचाराधीन हैं? पंजाब के लोगों को मूसेवाले पर फैसला करने दें. मीडिया को फैसला नहीं करना चाहिए." उधर मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा, "उन्होंने सभी का दिल जीता है. वह एक किसान के बेटे हैं और उनके पिता एक पूर्व सेना अधिकारी हैं. मुझे यकीन है कि वह कांग्रेस पार्टी को गौरवान्वित करेंगे, मैं कांग्रेस की ओर से उनका स्वागत करता हूं."
नवजोत सिद्धू ने बाद में मूसेवाला के साथ एक तस्वीर भी ट्वीट की जिसमें उन्होंने मूसेवाला को चैम्प कह कर उनका स्वागत किया.
Welcome to the fold champ @iSidhuMooseWala SIDHU square ek aur ek Giaran opposition 9/2/11 pic.twitter.com/kbWMAKDCgk
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) December 3, 2021
मीडिया के सवालों के जवाब में मूसेवाला ने कहा, "यह मेरी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस है. अभी तीन साल पहले ही मैंने गाना शुरू किया था. अब चार साल बाद मैं एक नया कदम उठा रहा हूं. मानसा इतना विकसित नहीं है ... इस क्षेत्र के एक हिस्से ने मेरी परवरिश की है, इसलिए मैं यहां से आवाज उठाऊंगा."
सिद्धू मूसेवाला का पूरा नाम शुभदीप सिंह सिद्धू है. वे इंजीनियरिंग कर रहे हैं और कॉलेज के दिनों में ही उन्होंने गाना शुरू किया था. पिछले साल उनके गाने "संजू" की वजह से उन पर हिंसा और बंदूकों के कल्चर को बढ़ावा देने के अरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी. कोविड लॉकडाउन के दौरान फायरिंग रेंज पर एके-47 राइफल से फायरिंग करते हुए दिखाने वाली तस्वीरें वायरल होने के बाद यह मामला दर्ज किया गया था. अपने इस गाने में सिद्धू मूसेवाला अपने ऊपर चल रहे मुकदमों को लेकर डींगें मारते नजर आए थे.
उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री रहे अमरिंदर सिंह ने पंजाबी गानों में हिंसा और बंदूकों पर चिंता व्यक्त की थी और राज्य पुलिस को उन गायकों को नहीं बख्शने का निर्देश दिया था जो युवाओं को "गुमराह" करते हैं.
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