पुणे के पास मालिण गांव में हुए भूस्खलन आपदा में पांच और शवों की बरामदगी के बाद अब हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 87 हो गई है, जबकि अब भी वहां मलबे में 100 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है।
जो इस हादसे में बाल-बाल बचे हैं, उनके मन में ऐसा खौफ है कि वे अब वापस गांव नहीं लौटना चाहते। जानकारों के मुताबिक इनका डर बेवजह नहीं है, क्योंकि पहाड़ों को समतल करने के लिए भारी मशीनों के इस्तेमाल की वजह से आसपास के 15 और गांवों पर इस तरह के हादसे का खतरा मंडरा रहा है।
जिला नियंत्रण कक्ष ने रविवार को बताया कि मरने वालों में 33 पुरुष, 42 महिलाएं और 12 बच्चे हैं। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान के दौरान मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण भारी मशीनरी से मलबा हटाने के काम में बाधा हो रही है।
हालांकि 30 जुलाई को हुए हादसे के बाद आज पांचवें दिन भी राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल के कर्मी भारी मलबे को हटाने के काम में जुटे हैं। राज्य के गृह मंत्री आरआर पाटिल ने शनिवार शाम घटनास्थल का दौरा किया और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास का आश्वासन दिया। सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए पांच-पांच लाख रुपये की मुआवजा राशि की घोषणा की है।
(इनपुट भाषा से भी)
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