झारखंड ही नहीं देशभर में सम्मेद शिखर (पारसनाथ) को पर्यटन स्थल बनाने के प्रस्ताव का विरोध शुरू हो गया है. जैन समाज ने रांची, गिरीडीह सहित कई जगहों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस मसले जैन समाज के लोगों का कहना है कि सम्मेद शिखर इको टूरिज्म नहीं, इको तीर्थ होना चाहिए. सरकार पूरी परिक्रमा के क्षेत्र और इसके 5 किलोमीटर के दायरे के क्षेत्र को पवित्र स्थल घोषित करे, ताकि इसकी पवित्रता बनी रहे. अब इस मामले पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
जैन समाज के प्रदर्शन पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि अभी इस मामले का पूरी जानकारी नहीं है. यह मामला केंद्र का है. केंद्र सरकार की ओर से विधेयक पास किया गया है. राज्य सरकार के तरफ से कोई निर्णय नहीं लिया गया है. हमारे लिए सभी धर्म एक जैसा है. सभी धर्म को मानने वाले लोगों का आदर किया जाता है.
वहीं, गुजरात के जैन संगठनों ने भावनगर, अहमदाबाद, सूरत और मुंबई में भी रैलियां निकाली हैं और क्षेत्र में ‘‘अवैध गतिविधियों'' के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जहां 800 से अधिक जैन मंदिर हैं. जैन संगठनों ने आरोप लगाया है कि इलाके में अवैध खनन गतिविधियां और शराब की बिक्री होती है, जिससे पवित्र स्थल का अनादर हो रहा है. जैन नेताओं ने मांग की है कि अवैध खनन को रोका जाए और क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया जाए.
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