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बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में रहेगी कौन सी धार, किन मुद्दों पर कर सकते हैं बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार से दो दिन की बिहार यात्रा पर जा रहे हैं. इस दौरान वो बिहार को हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात देंगे. चुनावी साल में यह पीएम मोदी की तीसरी बिहार यात्रा है. आइए देखते हैं कि वो बिहार में किन मुद्दों को उठा सकते हैं.

बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में रहेगी कौन सी धार, किन मुद्दों पर कर सकते हैं बात
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार की यात्रा पर पहुंच रहे हैं. पहले दिन वह पटना में रहेंगे. वहां उनका इसे मेगा रोड शो होगा. इसके अलावा वह कई विकास योजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास करेंगे. चुनावी साल में यह पीएम मोदी की तीसरी बिहार यात्रा है. इससे पहले वो 24 अप्रैल को बिहार की यात्रा पर गए थे. वो पहलगाम आतंकी हमले के दो दिन बाद ही बिहार पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा था कि पहलगाम के हमलावर दुनिया के किसी भी कोने में छिपे हों, उन्हें खोजकर सजा दी जाएगी. अब जब गुरुवार को पीएम मोदी बिहार जा रहे हैं तो भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' चला कर ले लिया है. ऐसे में अब चर्चा इस बात की हो रही है कि अपने बिहार दौरान पीएम मोदी किन राजनीतिक मुद्दों को उठा सकते हैं. इसके संकेत उन्होंने बागडोगरा से सिक्किम के लोगों को संबोधित करते हुए दिए. वहां उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' की चर्चा की. ऐसे में उम्मीद है कि वो बिहार में भी इसकी चर्चा करेंगे. आइए जानते हैं कि इसके अलावा वो किन और मुद्दों की चर्चा कर सकते हैं.

नरेंद्र मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक

पहलगाम आतंकी हमले के ठीक बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बहुत बड़ा राजनीतिक फैसला लिया था. राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने जाति जनगणना को हरी झंडी दे दी थी. यह एक ऐसा मुद्दा था, जिसकी मांग विपक्ष दल पिछले काफी समय से कर रहे थे. कांग्रेस ने इस मुद्दे को पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से उठाना शुरू कर दिया था. यह चुनावी मुद्दा भी बना. सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ रहे राजनीतिक दलों और कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर सड़क से संसद तक संघर्ष किया.सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला करके विपक्ष की राजनीति को कुंद करने की कोशिश की है. 

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प्रधानमंत्री अपनी बिहार यात्रा के दौरान इस मुद्दे को उठा सकते हैं. बिहार की राजनीति में जाति एक केंद्रीय फैक्टर है.  अभी कुछ दिन पहले दिल्ली में हुई एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था. बैठक के बाद बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा ने कहा था कि हम जातिगत राजनीति नहीं करते लेकिन वंचित, पीड़ित, शोषित और दलित समाज के जो लोग छूट गए हैं, उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने का काम करते हैं. यह समाज की जरूरत है. जातिगत जनगणना के माध्यम से हम इसे देखते हैं और आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं.

जाति जनगणना और बीजेपी

कैबिनेट के फैसले तक बीजेपी ने कभी भी जाति जनगणना को लेकर कोई स्पष्ट लाइन नहीं ली थी. अगर वह इसका खुलकर समर्थन नहीं करती थी, तो खुलकर विरोध भी नहीं करती थी. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद जाति जनगणना को लेकर बीजेपी का रुख बदलने लगा था. दरअसल 2019 में 303 सीटें जीतने वाली बीजेपी 2024 में घटकर 240 पर आ गई थी. इसके पीछे जाति जनगणना और संविधानवाद के मुद्दे को प्रमुख कारण माना जाता है, खासकर उत्तर भारत के राज्यों में जहां बीजेपी लगभग अपराजेय बन गई थी. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को बिहार में ही 2019 के मुकाबले नौ सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था.इस बार के बिहार विधानसभा के चुनाव में इस मुद्दे का फायदा एनडीए उठा सकता है. क्योंकि केंद्र सरकार के फैसले से पहले वहां कि नीतीश कुमार सरकार ने जाती सर्वेक्षण कराया था. इस फैसले में भी बीजेपी की सहमति थी. इस सर्वे में पता चला कि अति पिछड़ा वर्ग बिहार का सबसे बड़ा जातीय समूह है. बीजेपी और नीतीश कुमार का जेडीयू इस अति पिछड़ा वर्ग को पिछले काफी समय से लुभाने की कोशिशों में लगा है. मखाना बोर्ड का गठन भी इसी दिशा में उठाया गया कदम था, क्योंकि मखाने की खेती में मल्लाह जैसी अति पिछड़ी जाती के लोग बड़ी संख्या में जुड़े हुए हैं. 

पहलगाम आतंकी हमले के बाद दुनिया को संदेश देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार को ही चुना था.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद दुनिया को संदेश देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार को ही चुना था.

क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' बनेगा राजनीतिक मुद्दा

एक दूसरा मुद्दा जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बिहार दौरे पर उठा सकते हैं, वह है 'ऑपरेशन सिंदूर'. दिल्ली में हुई एनडीए के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक में दो प्रस्ताव पास किए गए थे- एक था जाति जनगणना का तो दूसरा था, 'ऑपरेशन सिंदूर'पर. इससे ही संकेत मिलने लगे थे कि बीजेपी आने वाले दिनों में 'ऑपरेशन सिंदूर'को भी राजनीतिक मुद्दा बना सकती है. इस साल केवल बिहार में ही चुनाव होने हैं, इसलिए लगता है कि पीएम अपने बिहार दौरे पर इस मुद्दे को जरूर उठाएंगे. पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद अपने पहले संबोधन के लिए भी बिहार को चुना था. पीएम ने बिहार की धरती से ही दुनिया को बताया था कि पहलगाम के हमलावर और साजिशकर्ता दुनिया के किसी भी हिस्से में होंगे, उन्हें खोजकर सजा दी जाएगी. सरकार यह करके भी दिखाया है.'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के बाद से बीजेपी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है. 

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