- प्रधानमंत्री मोदी ने जोहान्सबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक विकास के लिए चार नई पहलों का प्रस्ताव रखा
- अफ्रीका कौशल गुणक पहल अगले दशक में दस लाख प्रमाणित प्रशिक्षक तैयार करने के लिए ट्रेन-द-ट्रेनर मॉडल अपनाएगी
- प्रधानमंत्री मोदी ने अफ्रीका के विकास को वैश्विक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण बताया और भारत की एकजुटता जताई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोहान्सबर्ग में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में वैश्विक विकास के उद्देश्य से चार नई पहलों का प्रस्ताव रखा है. इसमें एक वैश्विक पारंपरिक ज्ञान भंडार की स्थापना, अफ्रीका कौशल गुणक पहल, वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल प्रतिक्रिया टीम और ड्रग-टेरर नेक्सस का मुकाबला करने पर एक पहल शामिल है.
समावेशी और सतत विकास पर पहले सत्र में उन्होंने कहा कि ये पहल सर्वांगीण विकास हासिल करने में मदद करेंगी, उन्होंने टिप्पणी की कि भारत के सभ्यतागत मूल्य आगे बढ़ने का रास्ता प्रदान करते हैं.उन्होंने कहा कि जी20 वैश्विक पारंपरिक ज्ञान भंडार पारंपरिक ज्ञान का दस्तावेजीकरण करेगा जो टिकाऊ जीवन के समय-परीक्षणित मॉडल को प्रदर्शित करता है और यह सुनिश्चित करेगा कि इसे भविष्य की पीढ़ियों तक आगे बढ़ाया जाए.
शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का इस संबंध में एक समृद्ध इतिहास है. इससे हमें अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए अपने सामूहिक ज्ञान को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. दक्षिण अफ्रीका की तीन दिवसीय यात्रा पर गए पीएम मोदी ने कहा कि अफ्रीका का विकास वैश्विक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है और भारत हमेशा इस महाद्वीप के साथ एकजुटता से खड़ा रहा है. उन्होंने कहा कि अफ्रीका स्किल्स मल्टीप्लायर इनिशिएटिव अगले दशक तक अफ्रीका में दस लाख सर्टिफाइड इंस्ट्रक्टर तैयार करने के लक्ष्य के साथ ट्रेन-द-ट्रेनर मॉडल अपनाएगा.
हमारा सामूहिक लक्ष्य अगले दशक में अफ्रीका में दस लाख प्रमाणित प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करना है. बदले में, ये प्रशिक्षक लाखों कुशल युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे. इस पहल का कई गुना असर होगा. यह स्थानीय क्षमता का निर्माण करेगा और अफ्रीका के दीर्घकालिक विकास को मजबूत करेगा.
पीएम मोदी ने एक G20 ग्लोबल हेल्थकेयर रिस्पांस टीम स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा जो स्वास्थ्य आपात स्थितियों के दौरान मजबूत प्रतिक्रिया देने में मदद करेगी. उन्होंने कहा कि जब हम स्वास्थ्य आपात स्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के सामने एक साथ काम करते हैं तो हम मजबूत होते हैं. हमारा प्रयास साथी जी20 देशों से प्रशिक्षित चिकित्सा विशेषज्ञों की टीमें बनाना होना चाहिए जो किसी भी वैश्विक स्वास्थ्य संकट या प्राकृतिक आपदा के मामले में तेजी से तैनाती के लिए तैयार हों.
उन्होंने मादक पदार्थों की तस्करी की चुनौती पर काबू पाने और फेंटेनल जैसे खतरनाक पदार्थों के प्रसार को रोकने के लिए ड्रग-टेरर नेक्सस का मुकाबला करने के लिए जी20 पहल का भी सुझाव दिया. इस पहल के तहत, हम वित्त, शासन और सुरक्षा से संबंधित विभिन्न उपकरणों को एक साथ ला सकते हैं. तभी नशीली दवाओं-आतंकवाद अर्थव्यवस्था को कमजोर किया जा सकता है.
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