विज्ञापन
This Article is From Jan 23, 2024

बिहार के पूर्व CM कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत मिलेगा 'भारत रत्न'

कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे. वो राज्य में दो बार मुख्यमंत्री और एक बार उप मुख्यमंत्री रहे. 1952 में हुए पहली विधानसभा के चुनाव में जीतकर कर्पूरी ठाकुर पहली बार विधायक बने.

नई दिल्‍ली:

बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) को मरणोपरांत भारत रत्‍न से नवाजा जाएगा. राष्‍ट्रपति की ओर से जारी बयान में उन्‍हें भारत रत्‍न (Bharat Ratna) देने का ऐलान किया गया है. उन्‍हें काफी समय से भारत रत्‍न देने की मांग की जा रही थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक पोस्‍ट के जरिए कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्‍न देने पर खुशी जताई है. बिहार में जननायक के रूप में उभरे कर्पूरी ठाकुर का जन्‍म 1924 में हुआ था. वह बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे. कर्पूरी ठाकुर राज्य में दो बार मुख्यमंत्री और एक बार उप मुख्यमंत्री रहे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्‍न देने की घोषणा के बाद एक्‍स पर एक पोस्‍ट किया है, जिसमें उन्‍होंने लिखा, "मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के प्रतीक महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है और ऐसे वक्‍त में जब हम उनकी जन्मशती मना रहे हैं. यह प्रतिष्ठित सम्मान हाशिये पर मौजूद लोगों के लिए एक विजेता और समानता और सशक्तिकरण के समर्थक के रूप में उनके स्थायी प्रयासों का प्रमाण है."

कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव में स्वागत करते हुए लिखा है कि आरक्षण विरोधियों को मन मारकर पीडीए के सामने झुकना पड़ा रहा है. 

1952 में पहली बार बने थे विधायक 

1952 में हुए पहली विधानसभा के चुनाव में जीतकर कर्पूरी ठाकुर पहली बार विधायक बने और आजीवन विधानसभा के सदस्य रहे. 1967 में जब पहली बार देश के नौ राज्यों में गैर कांग्रेसी सरकारों का गठन हुआ तो बिहार की महामाया प्रसाद सरकार में वे शिक्षा मंत्री और उपमुख्यमंत्री बने. 

1977 में पहली बार बने थे मुख्‍यमंत्री 

कर्पूरी ठाकुर का संसदीय जीवन सत्ता से ओत-प्रोत कम ही रहा. उन्होंने अधिकांश समय तक विपक्ष की राजनीति की. बावजूद उनकी जड़ें जनता-जनार्दन के बीच गहरी थीं. उन्होंने 1977 में पहली बार मुख्यमंत्री का पद संभाला था. 

कर्पूरी ठाकुर ने सामाजिक भेदभाव और असमानता के खिलाफ जीवन भर संघर्ष किया और बिहार की राजनीति में गरीबों और दबे-कुचले वर्ग की आवाज बनकर उभरे थे.

ये भी पढ़ें :

* बिहार: राज्यपाल ने राम मंदिर पर डाक विभाग का विशेष कवर किया जारी, पटना और अन्य शहरों में जश्न
* राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा 29 जनवरी को बिहार में करेगी प्रवेश
* आपराधिक मानहानि मामला : बिहार डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने गुजरातियों के खिलाफ वापस ली टिप्पणी

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com