मध्यप्रदेश में इस बार बोर्ड परीक्षा में कई बार अव्यवस्था देखने को मिल रही है. 10वीं-12वीं के पर्चे परीक्षा से 5 से लेकर 50 मिनट पहले लीक हो रहे हैं. कई दफे तो ये 299 रुपए में ऑनलाइन बिक भी रहे हैं. सरकार कभी कह रही है लीक हुए हैं, तो कभी कह रही है लीक नहीं हुआ. हां ना के बीच कई जिलों में कार्रवाई भी हो रही है. दमोह के सैलवाड़ा सरकारी स्कूल में सोमवार को 12वीं के फिजिक्स का पेपर लीक हो गया, मामले में खुद कलेक्टर ने कार्रवाी की स्कूल के चपरासी को गिरफ्तार किया गया है.
पूरे मामले पर कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य ने कहा है कि मोबाइल से क्लिप को सेंड करना और डिलीट करने की बात सिद्ध हो गई है. वहीं 17 मार्च को धार में अंग्रेजी की परीक्षा का पर्चा लीक हुआ, सरकारी स्कूल के शिक्षक और क्लर्क को गिरफ्तार किया गया. धार के जिलाधिकारी ने कहा है कि हम लोगों ने कन्या हाई स्कूल नालसा में जाकर ट्रेस किया जो प्रश्नपत्र सोशल मीडिया में भेजा जा रहा था उससे मिलान हुआ, उस प्रश्नपत्र की स्कैनिंग इसी केन्द्र से की जा रही थी.
बताते चलें कि 10-12वीं के पेपर लगातार लीक हो रहे हैं, जिसे रोकने में सरकार फेल है. अबतक 14 दिन हुई परीक्षा में 11 पेपर लीक होने के आरोप हैं. शिक्षक-स्टाफ सहित 30 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 299 रु. तक में पेपर बिकने के आरोप हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ है. स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि पहले राउंड में जो जानकारी आई थी वो जांच करा ली गई है. ये सही नहीं पाए गए हैं. लेकिन छात्रों के साथ भ्रम पैदा करने की कोशिश है एक दो दिन में गिरोह का पर्दाफाश होगा. जो पहले वायरल हुए थे मिलान नहीं हो रहा है इसका मतलब लीक नहीं हुआ है.
वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सदन से वॉकआउट किया है. कांग्रेस का कहना है कि राज्य में कुशासन चल रहा है कांग्रेस विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने कहा है कि आदमी के डीएनए में बदमाशी आ गई है चाहे व्यापम घोटाला हो, पेपर भी लीक होंगे भर्ती भी हो जाएगी. यहां कुशासन चल रहा है जनता ने तय कर लिया है कमलनाथ की सरकार बनेगी.
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