गुजरात विधानसभा चुनाव के शुरू होने में भले अभी छह महीने का समय बचा हो लेकिन इसे लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) जैसी प्रमुख पार्टियों ने तो चुनाव को लेकर अभी से अपनी योजनाओं को अंतिम रूप देना भी शुरू कर दिया है. ये चुनाव बीजेपी के लिए कितना अहम है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीएम मोदी अब से हर महीने गुजरात में रैली करेंगे. आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं है. आप के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी राज्य का दौरा शुरू करने जा रहे हैं. उधर, राज्य में अभी से कांग्रेस और बीजेपी के बीच पोस्टर वॉर शुरू हो गया है.
पीएम मोदी ने इस महीने ही गुजरात का दो बार दौरा किया है. शनिवार को उन्होंने यहां रोड शो भी किया था. इस दौरान उन्होंने बीजेपी की दावेदारी को गुजरात में मजबूत बताया. ध्यान हो कि बीते दो दशक से बीजेपी ही गुजरात के शासन पर काबिज रही है और पीएम इसे आगे भी बरकरार रखना चाहते हैं. पिछले दो दशकों से बीजेपी गुजरात की सत्ता में बैठी हुई है और प्रधानमंत्री इसे बरकरार रखना चाहते हैं. पीएम मोदी के रोड शो के बाद कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर राज्य में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया. इसके अलावा चुनाव से पहले अहमदाबाद में बीजेपी और कांग्रेस के बीच पोस्टर वॉर भी चल रहा है.
कांग्रेस गुजरात में इस बार जूनागढ़ से लेकर जामनगर, सौराष्ट्र और दक्षिण तक में हर जगह ज़मीनी स्तर पर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा कि अहमदाबाद में इसलिए हमने कांग्रेस के पंजे पास में लगाए, ताकि बीजेपी को हटाने का नारा और बुलंद हो सके. यह भी एक सिंबॉलिक बात है, हमने प्रतीक इसलिए लगाया ताकि लोग बीजेपी को हटाकर कांग्रेस को लाएं, इसलिए हमारे कार्यकर्ताओं ने यह लगाया है.
उधर, आम आदमी पार्टी (आप) भी इस बार कमर कसके मैदान में उतरी नजर आ रही है. पार्टी के ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी इसुदान गढ़वी ने कहा कि हम इस बार के चुनाव में राज्य की राजनीति बदलना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि पंजाब और दिल्ली की तरह ही यहां की जनता भी आप पर भरोसा दिखाए. इसके लिए हमारे संयोजक अरविंद केजरीवाल भी हर महीने राज्य का दो से तीन बार दौरा करेंगे. हमने अभी ही परिवर्तन यात्रा भी पूरी की है, जिसमें हमे लोगों को जबरदस्त समर्थन मिला.
बता दें कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी शनिवार को कहा था कि उनकी पार्टी गुजरात में विधानसभा चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा था कि अहमदाबाद और सूरत में नगर निगम चुनावों के बाद से एआईएमआईएम विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है. गुजरात के भुज में पीसी के दौरान ओवैसी ने कहा, " हम गुजरात विधानसभा चुनाव पूरी ताकत से लड़ेंगे. हालांकि, हमने अभी ये तय नहीं किया है कि कितनी सीटों पर लड़ना है. मेरा मानना है कि एआईएमआईएम गुजरात प्रमुख साबिर काबलीवाला इस संबंध में सही निर्णय लेंगे."
हैदराबाद के सांसद ने कहा था कि वे पार्टी को मजबूत करने के इरादे से गुजरात आए हैं. उन्होंने कहा था कि "हमारा उम्मीदवार भी भुज से खड़ा होगा." राज्य के 182 विधानसभा सीटों में 25 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम मतदाता किसी भी राजनीतिक पार्टी का खेल बनाने या बिगाड़ने की ताकत रखते हैं. अहमदाबाद, पंचमहल, खेड़ा, आनंद, भरूच, साबरकांठा, जामनगर, जूनागढ़, नवासारी इलाकों में मुस्लिम मतदाताओं का खासा प्रभाव है.
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