अग्निपथ: रियायतें पहले से ही तय थीं, आंदोलन के बाद का फैसला नहीं, बोली केंद्र सरकार

Agnipath Scheme : अग्निपथ योजना पर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि 'अग्निवर' को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है.

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार (Central Government) की 'अग्निपथ' स्कीम (Agneepath Scheme) के खिलाफ जारी विरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने रविवार को तीनों सेना के प्रमुख के साथ बैठक की. इसके बाद योजना की विस्तृत जानकारी देने के लिए तीनों सेना के प्रमुखों ने प्रेस कान्फ्रेंस की. इसमें डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने केंद्र की योजना का पूरा खाका रखने के साथ तीन बातें स्पष्ट कर दीं. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि ये योजना वापस नहीं की जाएगी. दूसरा ये कि अग्निपथ योजना (Agnipath Protest) के विरोध में हिंसा में शामिल लोगों को भर्ती में कोई जगह नहीं मिलेगी. तीसरा ये कि योजना में युवाओं की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए जो भी बदलाव किए गए हैं, वो किसी भी दबाव के तहत नहीं हैं, बल्कि ये प्रस्तावित थे. 

सेना की ओर से इस पूरी कवायद का फोकस ये रहा कि युवा को समझाया जाए कि योजना उनके लिए फायदेमंद है. पीसी में शीर्ष रक्षा अधिकारी ने कहा कि भारतीय सेना में 30 साल की उम्र वाले सैनिकों की बड़ी संख्या है. सेना जवानों की उम्र का पहलू चिंताजनक है. ऐसे में हम सेना में जोश और होश दोनों का कांबिनेशन चाहते हैं. सैन्य अधिकारियों ने चार साल बाद बाहर किए गए 75 फीसदी अग्निवीरों के भविष्य के सवाल पर कहा, सिर्फ इस योजना में ही एग्जिट नहीं है, सेना से हर साल 17,600 सैन्यकर्मी हर साल समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेते हैं. 

सुधार आगजनी की प्रतिक्रिया में नहीं
अग्निपथ योजना पर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि 'अग्निवर' को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है. सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं. यही नहीं देश की सेवा में अपना जीवन कुर्बान करने वाले 'अग्निवर' को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा घोषित 'अग्निपथ' के लिए आरक्षण के संबंध में घोषणाएं पूर्व नियोजित थीं और अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद हुई आगजनी की प्रतिक्रिया में नहीं थीं.

'अग्निपथ हिंसा में शामिल नहीं थे', अग्निवीर आवेदकों को देना होगा शपथ पत्र: टॉप मिलिट्री अफसर

अनिल पुरी ने कहा कि अगले 4-5 वर्षों में, हमारा (सैनिकों का) भर्ती 50,000-60,000 होगा और ये बाद में बढ़कर 90,000 - 1 लाख हो जाएगा. हमने योजना का विश्लेषण करने और बुनियादी ढांचा की क्षमता बढ़ाने के लिए 46,000 से छोटी शुरुआत की है. यह सुधार लंबे समय से लंबित था. हम इस सुधार के साथ हम सेना में युवावस्था और अनुभव लाना चाहते हैं. आज बड़ी संख्या में जवान अपने 30 के दशक में हैं और अधिकारियों को पहले की तुलना में बहुत बाद में कमान मिल रही है. 

उम्मीदवारों को लिखित शपथ देनी होगी
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा, " अनुशासन भारतीय सेना की नींव है. यहां आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं. भर्ती में आया प्रत्येक व्यक्ति एक प्रमाण पत्र देगा कि वे विरोध या बर्बरता का हिस्सा नहीं था. उसके बिना कोई शामिल नहीं हो सकता. यदि उनके खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की गई है, तो वे शामिल नहीं हो सकते. उन्हें (आकांक्षी) नामांकन फॉर्म के हिस्से के रूप में यह लिखने के लिए कहा जाएगा कि वे आगजनी का हिस्सा नहीं थे, फिर उनका पुलिस सत्यापन किया जाएगा. हमने इस योजना को लेकर हाल में हुई हिंसा का अनुमान नहीं लगाया था. सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है. सभी उम्मीदवारों को लिखित शपथ देनी होगी कि वे किसी भी तरह की आगजनी/हिंसा में शामिल नहीं होंगे."

सैन्य मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा, "हमने अपनी सेना को युवा कैसे बनाया जाए, इस पर लंबी चर्चा की. हमने विदेशी ताकतों का भी अध्ययन किया. हम युवा चाहते हैं, युवा जोखिम लेने वाले हैं, उनमें जुनून है, जोश और होश समान अनुपात में है."

लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि पुलिस मामले का सामना करने वाला कोई भी उम्मीदवार 'अग्निपथ' के लिए आवेदन नहीं कर सकता है. "अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिया जाएगा, इसे वापस क्यों लिया जाना चाहिए?"

लेफ्टिनेंट जनरल सी बंसी पोनप्पा ने कहा कि सेना भर्ती के लिए रैलियां अगस्त की पहली छमाही में शुरू होंगी और 'अग्निवीर' की पहली खेप दिसंबर के पहले सप्ताह तक आ जाएगी. दूसरी खेप फरवरी तक आएगी. अधिकारी ने कहा कि सेना 83 भर्ती रैलियां करेगी और देश के 'हर गांव' को छूएगी.

नौसेना के लिए 'अग्निवीर' का पहला जत्था 21 नवंबर तक प्रशिक्षण के लिए ओडिशा के आईएनएस चिल्का पहुंचेगा. वायु सेना इस साल दिसंबर तक 'अग्निवीर' के पहले बैच का नामांकन करेगी और प्रशिक्षण उसी महीने शुरू होगा.

इस बीच, कुछ राज्यों में विरोध प्रदर्शन जारी है, सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और बिहार में प्रदर्शन हो रहा है. विरोध के बीच केंद्र ने कई रियायतों का ऐलान किया है. रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में 10 प्रतिशत कोटा होगा, जो तटरक्षक बल और रक्षा नागरिक पदों और सभी 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में फैला होगा. यह आरक्षण भूतपूर्व सैनिकों के लिए मौजूदा आरक्षण के अतिरिक्त होगा.

इन सबसे ऊपर, सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों या सीएपीएफ और असम राइफल्स, जो रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है, उसमें 'अग्निवीर' के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है.

यह भी पढ़ें -

मामला दर्ज करने के लिए पुलिस को ब्‍लैंक चैक का दिया ऑफर, कमिश्‍नर से मिला ये जवाब

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा के लिए BJP की पहली समन्वय समिति की बैठक आज, हो सकते हैं कई महत्वपूर्ण ऐलान