- चुनावी उल्लंघन के आरोप में जन सुराज पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर को नोटिस जारी किया गया
- प्रशांत किशोर का नाम बिहार के रोहतास जिले और पश्चिम बंगाल के कोलकाता की मतदाता सूची में दर्ज है
- दो राज्यों की मतदाता सूची में नाम दर्ज होना जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत प्रतिबंधित है
चुनावी रणनीतिकार से नेता बने जन सुराज पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर को चुनावी उल्लंघन के मामले में इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) ने नोटिस जारी किया है. दरअसल उन पर आरोप है कि प्रशांत किशोर का नाम दो अलग-अलग राज्यों बिहार और पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में दर्ज है, जो कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत प्रतिबंधित है. उन्हें इस मामले में तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है.
प्रशांत किशोर को नोटिस
प्रशांत किशोर को ERO ने नोटिस जारी किया है. इस मामले में जारी किए गए नोटिस के मुताबिक प्रशांत किशोर का नाम रोहतास जिले के करगहर विधानसभा क्षेत्र में दर्ज है, जो सासाराम संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है. वहीं उनका नाम कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में भी दर्ज है. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 और 18 के तहत यह अवैध है. इसलिए इस मामले में ERO ने प्रशांत किशोर को तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है.
बिहार और बंगाल में वोटर आईडी कार्ड
इस नोटिस में कहा गया है कि इस मामले में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है. प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल में कोलकाता पश्चिम लोकसभा क्षेत्र की भवानीपुर विधानसभा से मतदाता हैं. यहां उनका एपिक नंबर 'आईयूआई0686683' पाया गया. उनका सीरियल नंबर 621 है और मतदान केंद्र, आर-1 21बी रानीशंकरी लेन स्थित सेंट हेलेन स्कूल के रूप में दर्ज है. बिहार में वह सासाराम संसदीय क्षेत्र के करगहर विधानसभा क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं. उनका मतदान केंद्र रोहतास जिले के अंतर्गत मध्य विद्यालय, कोनार है, कोनार प्रशांत किशोर का पैतृक गांव है.
प्रशांत किशोर ने दिया क्या जवाब
नोटिस मिलने पर प्रशांत किशोर ने कहा कि चुनाव आयोग एसआईआर चला के पूरे बिहार को डरा नहीं पाया, बिहार के लोगों का नाम काटने की कोशिश की. जब मेरा नाम दो जगह पर था तो बिहार में एसआईआर हुआ, ऐसे में मेरा नाम कैसे नहीं काटा गया. ये जबरदस्ती की भूमिका बना रहे हैं. हम 2019 से अपने गांव के वोटर है. 2 साल हम कोलकाता में थे तो वहां के वोटर थे. चुनाव आयोग कह रहा है कि हमने वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण कर दिया है. हमको नोटिस क्यों भेज रहे हो, पकड़ के हमें अरेस्ट कर लो.
दो वोटर आईडी कार्ड रखना क्यों गलत
प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के राजनीतिक सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं. वहीं, इस बार उनकी जन सुराज पार्टी बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ रही है. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 की धारा 17 और धारा 18 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक से अधिक वोटर आईडी नहीं रख सकता है. एक से अधिक वोटर आईडी रखना या एक से अधिक चुनाव क्षेत्रों में वोटर आईडी रखना गैरकानूनी है. दो वोटर आईडी रखने पर कानूनी कार्रवाई और जुर्माने का भी प्रावधान है.
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