Delhi Power Cut : दिल्ली, पंजाब समेत कई राज्यों ने बिजली संकट पर केंद्र से लगाई गुहार
नई दिल्ली:
Power Crisis India : दिल्ली, पंजाब, राजस्थान समेत देश के कई राज्य बिजली संकट (Delhi Power Crisis) का सामना कर रहे हैं. इन राज्यों के कोयला आधारित थर्मल पॉवर प्लांट (Coal Thermal power Plant) के पास कुछ दिनों के कोयले का ही स्टॉक बचा है. इन राज्यों ने केंद्र सरकार और ऊर्जा मंत्रालय से गुहार लगाई है कि कोयले की आपूर्ति सामान्य की जाए अन्यथा उन्हें बिजली आपूर्ति ठप होने (Black out) के हालातों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि बिजली मंत्रालय के अनुसार, आपूर्ति सामान्य करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. कोयला मंत्रालय ने हर हफ्ते दो बार कोयला स्टॉक की समीक्षा के लिए 2 अंतरमंत्रालयी समूह भी गठित किए हैं.
- दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, ओडिशा समेत देश के कई राज्य बिजली संकट (Delhi Power Crisis) झेल रहे हैं. इनके थर्मल पॉवर प्लांट (Coal Thermal power Plant) के पास कुछ दिनों के कोयले का ही स्टॉक बचा है. कोयले की आपूर्ति सामान्य न होने पर इन राज्यों को बिजली आपूर्ति ठप होने (Black out) के हालातों का सामना भी करना पड़ सकता है. कोयला मंत्रालय ने हर हफ्ते दो बार कोयला स्टॉक की समीक्षा के लिए 2 अंतरमंत्रालयी समूह भी गठित किए हैं.बिजली मंत्रालय (Energy Ministry) ने कुछ दिनों में स्थिति सामान्य होने का भरोसा दिया है. ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि दिल्ली या अन्य प्रदेशों में बिजली की कोई कमी नहीं है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी इस मुद्दे पर बैठक की है.
- दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि कोयला आपूर्ति (Coal supply) सामान्य नहीं होने से राजधानी में महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है. दिल्ली को बिजली आपूर्ति के संयंत्रों के पास 1 माह का स्टॉक रहता था, जो घटकर 1-2 दिन रह गया है. सारे संयंत्र पहले ही 55 फीसदी क्षमता से चल रहे हैं. दिल्ली में 1300 मेगावॉट गैस आधारित बिजली संयंत्र बवाना में है. दिल्ली के पास कोई बिजली संयंत्र नहीं है औऱ वो केंद्र पर निर्भर है. सरकार एनटीपीसी से पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराए.
- राजस्थान सरकार (Rajasthan power shortage) कह चुकी है कि बिजली उत्पादन में कमी के चलते 10 बड़े शहरों में बिजली कटौती की जाएगी. कुछ इलाकों में 10 से 14 घंटे बिजली आपूर्ति नहीं हो पाई है. सेंट्रल ग्रिड रेगुलेटर के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर के पहले 7 दिनों में बिजली की आपूर्ति के मुकाबले कटौती पूरे देश में साल भर की कमी का 11.2 फीसदी रही है.
- आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने भी पीएम मोदी (PM Modi) को पत्र लिखा है. जगन मोहन ने कहा कि आंध्र में बिजली की खपत 1 माह में 20 फीसदी बढ़ गई है. उन्होंने आंध्र के थर्मल पॉवर प्लांट के लिए 20 रेक कोयला आवंटित करने की मांग की है. आर्जेनको कोल प्लांट पहले ही 50 फीसदी क्षमता पर काम कर रहा है. उसके पास 1-2 दिन का कोयला ही बचा है. बिजली कटौती शुरू की गई है.
- रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार औऱ झारखंड भी कोयला आपूर्ति में रुकावट आने से प्रभावित हुए हैं. इन राज्यों में भी बिजली उत्पादन और आपूर्ति पर असर पड़ा है. हालांकि सर्दी का मौसम शुरू होने के साथ मांग में अब बहुत ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हो रही है.
- पंजाब के कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में पर्याप्त आपूर्ति न होने से कई इलाकों में बिजली कटौती करनी पड़ी है. पंजाब स्टेट पॉवर कारपोरेशन के मुताबिक, रोपड़, लेहरा जैसे संयंत्रों के पास 5 दिन का ही कोल स्टॉक है. राज्य में 9 हजार मेगावॉट की मांग है, अक्टूबर में पड़ रही असामान्य गर्मी से बिजली की मांग बढ़ी है. नाभा पावर प्लांट के पास 2 दिन और तलवंडी में 1.3 दिन जरूरत का ही कोयला है.
- तमिलनाडु के बिजली संयंत्रों में भी 4-5 दिन का कोयला स्टॉक बचा है. चेन्नई, तूतीकोरिन समेत 5 थर्मल पॉवर प्लांटों को जरूरत का 60 फीसदी ही कोयला मिल पा रहा है. तमिलनाडु विद्युत नियामक आयोग केंद्रीय कोयला एवं उर्जा मंत्रालय के संपर्क में है.
- ओडिशा भी बिजली संकट की तपिश महसूस कर रहा है. राज्य के उद्योग संगठनों ने नवीन पटनायक सरकार को पत्र लिखकर पर्याप्त बिजली आपूर्ति की गुहार लगाई है.
- बिजली मंत्रालय के अनुसार, अगले तीन दिनों में बिजली संयंत्रों को 16 लाख टन कोयला आपूर्ति का लक्ष्य है. इसे अगले कुछ दिनों में 17 लाख टन और उससे ज्यादा किया जाएगा. देश में इलेक्ट्रिसिटी की दैनिक खपत 4 अरब यूनिट तक पहुंच गई है. कोयले से चलने वाले थर्मल पावर प्लांट देश के कुल बिजली उत्पादन में 65 से 70 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं.
- देश के 135 कोयला आधारित बिजली संयत्र जरूरत का 70 फीसदी बिजली आपूर्ति करते हैं. लेकिन उनके पास 3 दिन से कम का कोयला स्टॉक बचा है. केंद्रीय विद्युत नियामक प्राधिकरण की गाइडलाइन के अनुसार, कोल माइन से 1000 किलोमीटर से ज्यादा दूर के सभी बिजली संयंत्रों को कम से कम 30 दिन का कोयला स्टॉक रखना चाहिए. हालांकि ज्यादातर संयंत्र फिलहाल ऐसी स्थिति में नहीं हैं.