भारत में कोयले की सप्लाई में गिरावट के चलते देश एक बिजली संकट के मुहाने पर बैठा है. देश में कोयले का उत्पादन और सप्लाई ऐसे ठप हुए हैं कि अगर चीजें जल्द ही नहीं सुधरीं तो कुछ वक्त में भारत भी चीन की तरह कटौतियां करने को मजबूर हो सकता है, तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था पर जो असर होगा, वो होगा ही.
इस मुद्दे पर ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने NDTV से एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने संकट को लेकर कहा कि 'हमारे पास अभी Coal स्टॉक होल्डिंग औसतन 4 दिन का है. यह एक रोलिंग प्रोसेस है. पिछले साल के मुकाबले इस साल पावर की डिमांड काफी बढ़ी है. यह दर्शाता है कि अर्थव्यवस्था बढ़ रही है.'
उन्होंने कहा, 'हमने दो करोड़ 82 लाख घरों को बिजली सप्लाई से जोड़ा है. इन घरों की भी पावर की खपत बढ़ी है. इस साल भारी बारिश की वजह से कोयला का डिस्पैच/सप्लाई कम रहा है. अक्टूबर के दूसरे या तीसरे हफ्ते तक देश में पावर की डिमांड ज्यादा रहेगी. इसके बाद हम स्थिति को काबू में कर लेंगे.
उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि हम हर पावर प्लांट में पर्याप्त मात्रा में कोयला पहुंचाएं.
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