राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने शुक्रवार को कहा कि कोयले की देशव्यापी कमी (Nationwide Coal Shortage) के चलते एक घंटे की बिजली की कटौती (Power Cut) की जाएगी. राजस्थान सरकार द्वारा संचालित सेवा ने कहा कि 10 प्रमुख शहरों में कटौती की जाएगी, जहां पर लाखों लोग रहते हैं. जिसके बाद राजस्थान इस संकट के कारण आधिकारिक तौर पर बिजली की कटौती करने वाला पहला राज्य बन जाएगा.
रॉयटर्स की खबर के अनुसार, राजस्थान सहित उत्तरी राज्यों को कुछ क्षेत्रों में 14 घंटे तक की बिजली आपूर्ति की कमी का सामना करना पड़ा है. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला उपभोगकर्ता है. बिजली कटौती के मामले में वह अपने पड़ोसी चीन का अनुसरण कर रहा है. चीन में बिजली संकट के कारण कारखाने बंद कर दिए हैं.
केंद्रीय ग्रिड ऑपरेटर के आंकड़े के अनुसार, भारत के 135 बिजली संयंत्रों में से आधे से अधिक देश की करीब 70 फीसद बिजली की आपूर्ति करते हैं. इनके पास तीन दिनों से कम समय का ईंधन स्टॉक बचा है.
केंद्रीय ग्रिड नियामक POSOCO के दैनिक लोड डिस्पैच डाटा के विश्लेषण से पता चलता है कि झारखंड और बिहार के पूर्वी राज्य भी कोयले की कमी से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
आंध्र प्रदेश ने कहा कि बिजली की आपूर्ति की कमी अनिर्धारित बिजली कटौती की ओर धकेल रही है, साथ ही कहा कि अगर सिंचाई पंपों को बिजली नहीं दी जाती है तो फसलें सूख सकती हैं.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने शुक्रवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र में कहा, "कटाई के अंतिम चरण में अधिक पानी की आवश्यकता होती है और यदि इससे इनकार कर दिया जाता है, तो खेत सूख जाएंगे और किसानों को नुकसान होगा."
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