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फिल्म 'एल2: एम्पुरान' पर केरल में मचा राजनीतिक घमासान, बीजेपी और सीपीएम आमने-सामने

केरल में फिल्म 'एल2:एम्पुरान'पर जारी विवाद अब थमता हुआ नजर आ रहा है. फिल्म के निर्माताओं ने विरोध को देखते हुए 17 कट लगाने की घोषणा की है. वहीं कुछ डॉयलाग को म्यूट किया जाएगा. फिल्म के कुछ दृश्यों को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने आलोचना की है.

नई दिल्ली:

मलयालम फिल्म 'एल2:एम्पुरान' पर विवाद थमता हुआ नजर आ रहा है. एक्टर से डायरेक्टर बने पृथ्वीराज सुकुमारन की यह फिल्म 27 मार्च को रीलीज हुई थी. इसके बाद से फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी के झंडे गाड़ रही है. फिल्म ने अबतक करीब 200 करोड़ रुपये का कारोबार किया है. इस फिल्म में 2002 के गुजरात दंगों का संदर्भ देने से हिंदूवादी संगठन नाराज हैं. गुरुवार को फिल्म के रिलीज होते ही आरएसएस से जुड़े संगठनों ने सोशल मीडिया पर फिल्म की तीखी आलोचना की थी.बहुत लोग इस फिल्म के समर्थन में भी आगे आए हैं. इस बीच विवाद बढ़ता देख फिल्म के हीरो और मलयालम फिल्मों के मशहूर अभिनेता मोहनलाल ने दर्शकों से माफी मांग ली है.फिल्म के निर्माता-निर्देशक ने इसमें 17 कट लगाने और कुछ डॉयलाग्स को म्यूट करने की बात कही है. 

मोहनलाल ने क्यों मांगी माफी

मोहनलाल ने सोशल मीडिया पर लिखा है,"हमें पता चला है कि फिल्म 'एल2:एम्पुरान' में जो राजनीतिक-सामाजिक विषय उभरकर आए हैं, उनसे मेरे कई चाहने वालों को निराशा हुई है. एक कलाकार के रूप में मेरी जिम्मेदारी है कि मेरी किसी भी फिल्म में किसी राजनीतिक आंदोलन और धर्म के खिलाफ नफरत न फैलाई जाए. इसलिए, मैं और एम्पुरान की टीम फैंस को हुई पीड़ा के लिए ईमानदारी से खेद व्यक्त करते हैं. हमने मिलकर फिल्म से ऐसे हिस्सों को हटाने का फैसला किया है."

किस बात पर हो रहा है विवाद

'एल2: एम्पुरान' में एक कैरेक्टर है, जायेद मसूद. इस रोल को किया है पृथ्वीराज सुकुमारन ने.यह कैरेक्टर भारत में 2002 में एक जगह पर हुए दंगे में अनाथ हो गया था.इसके कुछ दृश्य 2002 के गुजरात दंगों से मिलते-जुलते हैं. इसके कुछ दृष्यों में उस दंगे के दौरान हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ हिंसा करते हुए दिखाया गया है. इसमें यह भी दिखाया गया है कि दंगे का एक किरदार बाद के सालों में केरल की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश करता हुआ नजर आता है. 'एल2: एम्पुरान'के इन्हीं दृष्यों को लेकर विवाद है.

केरल के मुख्यमंत्री ने परिवार के साथ देखी थी फिल्म

केरल के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ सीपीएम नेता पिनराई विजयन और नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन ने फिल्म के समर्थन में हैं. विजयन ने शनिवार को अपने परिवार के साथ फिल्म देखी थी.उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उससे जुड़े संगठनों पर भय का माहौल बनाने का आरोप लगाया था.रविवार को फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में उन्होंने कहा था कि फिल्म में देश में हुए सबसे बर्बर नरसंहारों में से एक का जिक्र है. उन्होंने आरोप लगाया कि इससे संघ परिवार और उसके आका नाराज हो गए हैं. उन्होंने लिखा था कि उन्होंने यह फिल्म ऐसे समय देखी है, जब संघ परिवार ने फिल्म और इसके कलाकारों के खिलाफ व्यापक घृणा अभियान चलाया हुआ है.उन्होंने लिखा कि ऐसी खबरें भी आई हैं कि निर्माताओं को इस दबाव में फिल्म को दोबारा सेंसर करने और संपादित करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. संघ परिवार की ओर से  बनाया गया भय का यह माहौल चिंता का विषय है. 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सतीशन ने संघ परिवार पर इतिहास को विकृत करने का आरोप लगाया.उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि संघ परिवार का मानना ​​है कि अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब है अपने पक्ष में चीजें करने की स्वतंत्रता. 

फिल्म पर क्या कहना है बीजेपी का

वहीं केरल बीजेपी के नवनियुक्त अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने फिल्म की पहले आलोचना की थी.उन्होंने रविवार को कहा था कि फिल्म की कहानी सच्चाई को तोड़-मरोड़ पेश की गई है.उन्होंने अखबार इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि शुरू में वह फिल्म देखना चाहते थे, क्योंकि यह हिट फिल्म 'लूसिफर' का सीक्वल थी. लेकिन बाद में निर्माताओं की इस घोषणा के बाद की वो फिल्म में 17 कट लगाने जा रहे हैं और मोहनलाल ने अफसोस जताने के बाद उन्होंने फिल्म देखने का अपना विचार बदल दिया.उन्होंने कहा कि जब मोहनलाल खुद अपनी इस फिल्म से परेशान हैं, तो फिल्म देखने क्यों जाएं. अपने ताजा बयान में चंद्रशेखर ने इस विवाद को फिल्म के निर्माताओं की ओर से खड़ा किया गया विवाद बताया है. उनका इशारा इसे प्रचार का तरीका बनाने को लेकर था. उन्होंने फिल्म को राजनीतिक विवाद बताने का श्रेय केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को दिया. वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता एमटी रमेश के इस रुख का समर्थन किया था कि फिल्म को फिल्म की तरह ही देखा जाना चाहिए.

डायरेक्टर बेटे के बचाव में आगे आई मां

इस बीच मोहनलाल का बयान सामने आने के बाद फिल्म के निर्देशक पृथ्वीराज की मां और अभिनेत्री मल्लिका सुकुमारन ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को बलि का बकरा बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पृथ्वीराज ने किसी को भी धोखा नहीं दिया है, न ही मोहनलाल को और न ही पेरुम्बवूर को, जैसा कि लोगों का एक वर्ग दावा कर रहा है.उन्होंन एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि फिल्म से जुड़े सभी लोगों ने फिल्म की स्क्रीप्ट पढ़ी थी. 

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