चुनाव में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे 40 भाजपा नेता हिरासत में

महाराष्ट्र (Maharashtra) प्रदेश सचिवालय के निकट स्थित भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यालय के बाहर चुनाव में ओबीसी के लिये आरक्षण की मांग करते हुये प्रदर्शन कर रहे पार्टी के 40 नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को मुंबई पुलिस ने बुधवार को हिरासत में ले लिया.

चुनाव में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे 40 भाजपा नेता हिरासत में

हिरासत में लिए भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को आजाद मैदान ले जाया गया और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. 

मुंबई:

महाराष्ट्र (Maharashtra) प्रदेश सचिवालय के निकट स्थित भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यालय के बाहर चुनाव में ओबीसी के लिये आरक्षण की मांग करते हुये प्रदर्शन कर रहे पार्टी के 40 नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को मुंबई पुलिस ने बुधवार को हिरासत में ले लिया.  इनमें चंद्रकांत पाटिल, प्रवीण दारेकर और सुधीर मुनगंतिवार शामिल हैं . एक अधिकारी ने बताया कि हिरासत में लिए गए भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान ले जाया गया और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. 

इससे पहले भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण की मांग को पार्टी कार्यालय के बाहर सुबह करीब 11.30 बजे विरोध प्रदर्शन शुरू किया.  भाजपा का यह कार्यालय दक्षिण मुंबई में महाराष्ट्र सचिवालय ‘मंत्रालय' के निकट स्थित है. अधिकारी ने बताया कि जब प्रदर्शनकारी पार्टी के करीब 250 कार्यकर्ताओं के साथ अपनी मांगों को लेकर मंत्रालय जाने की योजना बना रहे थे तो मरीन ड्राइव पुलिस ने हस्तक्षेप किया और उन्हें पुलिस वैन में ले जाना शुरू कर दिया. 

उन्होंने बताया कि करीब 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया. अधिकारी ने बताया कि इनमें विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंतिवार शामिल हैं. अधिकारी ने बताया कि उन्हें आजाद मैदान ले जा कर छोड़ दिया गया. इस बीच, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने इस प्रदर्शन को ‘राजनीतिक स्टंट' करार देते हुये कहा कि विपक्षी दल को प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करना चाहिये . 

पटोले ने कहा, ‘‘भाजपा का मंत्रालय तक का मार्च पाखंड के अलावा और कुछ नहीं है.  सच्चाई यह है कि राज्य में ओबीसी आरक्षण को समाप्त करने की प्रक्रिया प्रदेश के देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दौरान शुरू हुई थी, और केंद्र सरकार ने भी इसका समर्थन किया था.  इसलिए भाजपा को ओबीसी आरक्षण पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है . ''उन्होंने कहा, ‘‘आरक्षण को समाप्त करना भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का एजेंडा है और पार्टी का मंत्रालय मार्च केवल एक राजनीतिक स्टंट है . ''

कांग्रेस नेता ने भाजपा नेताओं पर बरसते हुये कहा कि अगर वह सच में ओबीसी आरक्षण को लेकर इतना ही चिंतित हैं तो उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करना चाहिये . उन्होंने दावा किया कि 2017 में ही ओबीसी को आरक्षण समाप्त करने के संबंध में कदम उठाया गया था . फडणवीस सरकार ने एक सामान्य सर्कुलर जारी कर नागपुर जिला परिषद का चुनाव टाल दिया था और उसके बाद यह मुद्दा जटिल बन गया था . 

पटोले ने कहा कि जब मामला अदालत में गया तो फडणवीस सरकार ने ओबीसी आरक्षण बचाने के लिये कोई कदम नहीं उठाया था.  उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल से ये सोये हुए थे और अब भाजपा इसकी सारी जिम्मेदारी एमवीए सरकार पर डालने की कोशिश कर रही है. 

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने हमेशा से ओबीसी आरक्षण का समर्थन किया है, हमने मांग की है कि समुदाय के लिये राजनीतिक आरक्षण के बगैर चुनाव नहीं होना चाहिये और एमवीए सरकार भी इसका प्रयास कर रही है . ''उन्होंने दावा किया कि प्रदेश विधानसभा का अध्यक्ष रहते उन्होंने जाति जनगणना से संबंधित प्रस्ताव पारित करवाया लेकिन केंद्र ने अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं किया है. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)