महाराष्ट्र के कोल्हापुर के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने का मामला काफी सुर्खियों में है. इस मामले में सिंधुदुर्ग पुलिस ने स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट और ठेकेदार चेतन पाटिल को गिरफ्तार किया है. महा विकास अघाड़ी (कांग्रेस, शरद पवार गुट और उद्धव ठाकरे गुट) इसे मुद्दा बना रही है और केंद्र सरकार को घेर भी रही है. शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिराने को लेकर जारी हंगामे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शुक्रवार को पालघर पहुंचे. पीएम मोदी ने शिवाजी की प्रतिमा (Chhatrapati Shivaji) गिराए जाने को लेकर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी. हालांकि, इस दौरान उन्हें वीर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) का जिक्र करते हुए MVA के नहले पर दहला भी मार दिया.
पालघर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- "कुछ दिन पहले सिंधुदुर्ग में जो हुआ, वो बेहद अफसोसजनक है. छत्रपति शिवाजी महाराज मेरे और मेरे दोस्तों के लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं. हमारे लिए, छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक महाराजा नहीं हैं; वे हमारे लिए पूजनीय हैं. आज, मैं छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने नतमस्तक हूं और उनसे क्षमा मांगता हूं."
मैं अपने आराध्य शिवाजी के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं : सिंधुदुर्ग प्रतिमा गिरने पर PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा, "मैं सिर झुकाकर अपने भगवान छत्रपति शिवाजी महाराज से माफी मांगता हूं. हमारे मूल्य अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं, जो गाली देते रहते हैं. लेकिन महाराष्ट्र में कुछ लोग भारत माता के महान सपूत, इस भूमि के सपूत वीर सावरकर का अपमान कर रहे हैं. वो इसके लिए माफी मांगने को तैयार नहीं हैं, लेकिन इस मामले पर अदालत में लड़ने के लिए तैयार हैं."
#WATCH | Palghar, Maharashtra: PM Narendra Modi speaks on the Chhatrapati Shivaji Maharaj's statue collapse incident in Malvan
— ANI (@ANI) August 30, 2024
He says, "...Chhatrapati Shivaji Maharaj is not just a name for us... today I bow my head and apologise to my god Chhatrapati Shivaji Maharaj. Our… pic.twitter.com/JhyamXj91h
26 अगस्त को गिर गई थी प्रतिमा
26 अगस्त को छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा गिरने के बाद सिंधुदुर्ग पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई थी. इसमें ठाणे के मूर्तिकार जयदीप आप्टे का नाम भी शामिल था.
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पीएम मोदी ने किया था अनावरण
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस समारोह के दौरान किया गया था. प्रतिमा का अनावरण पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था. इस प्रतिमा को लगाने का मकसद, छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत और मराठा नौसेना के आधुनिक भारतीय नौसेना के साथ ऐतिहासिक संबंधों का सम्मान करना था.
शिंदे, अजित पवार और फडणवीस भी मांग चुके माफी
इससे पहले शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार भी माफी मांग चुके हैं.
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कौन थे वीर सावरकर?
वीर सावरकर एक स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, वकील, समाज सुधारक और हिंदुत्व के दर्शन के सूत्रधार थे. उनका जन्म 28 मई, 1883 को नासिक के भागपुर गांव में हुआ था. उनका निधन 26 फरवरी 1966 को बम्बई (अब मुंबई) में हुआ था. हिंदुत्ववादी विचारधारा के जनक कहे जाने वाले विनायक दामोदर सावरकर को BJP ही नहीं, बल्कि शिवसेना भी अपने आदर्श नेताओं में शुमार करती है और उनका सम्मान करती है. यही नहीं, बाल ठाकरे के दौर से ही शिवसेना वीर सावरकर को महान मानती रही. उनकी आलोचना को कभी बर्दाश्त नहीं किया जाता.
वाजपेयी सरकार ने भेजा था सावरकर को भारत रत्न देने का प्रस्ताव
विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) कभी भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनसंघ के सदस्य न रहे. फिर भी वीर सावरकर का नाम संघ परिवार में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है. साल 2000 में तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन के पास वीर सावरकर को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' देने का प्रस्ताव भेजा था. हालांकि, इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया था.
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