
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत देश के तमाम नेताओं ने 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड के शहीदों को रविवार को श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने कहा कि आने वाली पीढ़ियां हमेशा उनके अदम्य साहस को याद रखेंगी. औपनिवेशिक शासन को दमनकारी शक्तियां प्रदान करने वाले रॉलेट एक्ट के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध कर रहे सैकड़ों लोगों को 1919 में आज ही के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में बिना किसी उकसावे के ब्रिटिश सेना ने गोलियों से भून दिया था.
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हम जलियांवाला बाग के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं. आने वाली पीढ़ियां उनके अदम्य साहस को हमेशा याद रखेंगी.'' उन्होंने कहा, ‘‘यह वास्तव में हमारे देश के इतिहास का एक काला अध्याय था। उनका बलिदान भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गया.''

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जलियांवाला बाग हत्याकांड में शहीद हुए वीर बलिदानियों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. यह नरसंहार एक तानाशाही शासन की क्रूरता का प्रतीक है, जिसे यह देश कभी नहीं भूल सकता. इस अन्याय और अत्याचार के खिलाफ हमारे वीर शहीदों का बलिदान आने वाली पीढ़ियों को अन्याय के विरुद्ध डट कर लड़ने की प्रेरणा देता रहेगा.

गृहमंत्री अमित शाह और यूपी सीएम ने भी दी श्रद्धांजलि
जलियांवाला बाग नरसंहार को याद करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धांजलि अर्पित की है. शाह ने उस घटना को काला अध्याय तो योगी आदित्यनाथ ने उस स्थान को पवित्र तीर्थ बताया है. केंद्रीय गृहमंत्री ने एक्स पोस्ट में लिखा- जलियांवाला बाग नरसंहार भारत के स्वतंत्रता संग्राम का वह काला अध्याय है, जिसने समूचे देश को झकझोर कर रख दिया. अमानवीयता की पराकाष्ठा तक पहुंच चुकी अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता से देशवासियों में जो रोष उत्पन्न हुआ, उसने आजादी के आंदोलन को जन-जन का संग्राम बना दिया.

प्राणों को न्योछावर करने वाले अमर सपूतों को नमन करते हुए उन्होंने आगे कहा, "जलियांवाला बाग में शहीद हुए बलिदानियों को नमन करता हूं।. देश अमर बलिदानियों को सदा अपनी स्मृतियों में संजोए रखेगा."

योगी आदित्यनाथ ने भी सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने वीर सपूतों को नमन करते हुए लिखा- जलियांवाला बाग के अमर बलिदानियों को कोटि-कोटि नमन! जलियांवाला बाग सभी देशभक्तों के लिए एक पवित्र तीर्थ है, जहां मातृभूमि के वीर सपूतों ने ब्रिटिश हुकूमत की बर्बरता का प्रतिकार करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी. उन्होंने शहादत को प्रेरणास्पद बताते हुए आगे कहा- जलियांवाला बाग के अमर क्रांतिकारियों का बलिदान राष्ट्र के स्वाभिमान और स्वतंत्रता की अमर गाथा है, जो सदैव प्रेरणा देती रहेगी.
दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर लिखा कि जलियांवाला बाग के अमर शहीदों को शत्-शत् नमन। देश की आज़ादी के लिए दी गई उनकी कुर्बानी हमेशा हमें साहस, बलिदान और देशभक्ति की प्रेरणा देती रहेगी.
जब जनरल डायर ने निहत्थे लोगों पर कराई अंधाधुंध गोलियां
13 अप्रैल 1919 को अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग में अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने बैसाखी के मौके पर आयोजित समारोह में निहत्थे लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थीं. इस हृदयविदारक घटना में अनगिनत लोगों की जान गई, इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं. कई लोग कुचल गए और संकरे रास्ते के कारण बाहर निकल नहीं पाए थे. डर की वजह से कई महिलाओं ने अपने बच्चों के साथ बाग में मौजूद एक कुएं में छलांग लगा दी थी. ये सभी यहां ब्रिटिश हुकूमत के रॉलेट एक्ट के विरोध में आयोजित जलसे में शामिल हुए थे. इस एक्ट के तहत किसी भी भारतीय को बिना मुकदमा चलाए गिरफ्तार किया जा सकता था.
(भाषा इनपुट्स के साथ)
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